शिक्षामित्रों का न बढ़ा मानदेय, न हुआ तबादला,
बेसिक शिक्षा विभाग जारी कर रहा आदेश पर आदेशलखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत 1.46 लाख शिक्षामित्रों को जहां मानदेय वृद्धि मामले में झटका लगा है। वहीं उनकी गृह जनपद में तैनाती भी नहीं की जा रही है। इसे लेकर शिक्षामित्रों ने नाराजगी जताते हुए जल्द कार्यवाही की मांग की है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने कहा है कि तीन जनवरी 2025 को तत्कालीन प्रमुख सचिव ने उनका समायोजन आदेश जारी किया था। इसके बाद विभाग की ओर से मांगे गए निर्देश के क्रम में 12 जून 2025 को भी शासन ने समायोजन प्रक्रिया करने का आदेश दिया। किंतु बेसिक शिक्षा विभाग इस पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। इससे शिक्षामित्रों में नाराजगी है।
संघ के प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार ने मुख्यमंत्री व बेसिक शिक्षा मंत्री से कहा है कि आर्थिक संकट के चलते प्रतिदिन किसी न किसी जिले में शिक्षामित्र की असमय मौत हो रही है। आर्थिक समस्या के चलते वह उचित इलाज नहीं करा पा रहे हैं। इसके कारण सभी शिक्षामित्र अवसाद से ग्रस्त हैं। पांच सितंबर को मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि व कैशलेस योजना में शामिल किए जाने की घोषणा की गई।
लेकिन दो महीने बाद भी अभी तक इस संबंध में कोई आदेश नहीं जारी हुआ है। उल्टे मानदेय बढ़ाने के लिए बनाई समिति ने हाथ खड़े कर दिए हैं। मात्र 10 हजार मानदेय में वे अपने घर से 80 से 90 किमी दूर शिक्षण कार्य करने को मजबूर हैं। मानदेय बढ़ाने व समायोजन के संबंध में संगठन के पदाधिकारियों ने कई बार बेसिक शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, महानिदेशक स्कूल शिक्षा व निदेशक बेसिक शिक्षा से मिलकर मांग कर चुके हैं। जल्द ही इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं हुआ तो संगठन बैठक कर अग्रिम कार्यवाही के लिए बाध्य होगा।
No comments:
Write comments