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Monday, November 3, 2025

यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण की नीति जारी, सीसीटीवी कैमरों से लैस विद्यालय ही बनाए जाएंगे परीक्षा केंद्र

यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण में गलत सूचना देने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई,  तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और दस लाख से एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का है प्रावधान


प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2026 के लिए केंद्र निर्धारण की नीति शासन की ओर से जारी कर दी गई है। इस बार केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया सॉफ्टवेयर आधारित होगी। गलत जानकारी दर्ज होने पर अगर कोई विद्यालय परीक्षा केंद्र बन जाता है और जनपदीय केंद्र निर्धारण समिति की जांच में मामला सामने आता है तो केंद्र को निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही संबंधित के खिलाफ अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि इस प्रावधान के तहत तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और दस लाख से एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा दोषी संस्था को तीन वर्ष के लिए डिबार भी किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि रिमोट सेंसिंग से परीक्षण के दौरान जिन विद्यालयों की जियो लोकेशन गलत पाई जाएगी, उनकी सूची संबंधित जिले के डीआईओएस को भेजी जाएगी। इसके सत्यापन के लिए एपीआई युक्त मोबाइल एप विकसित किया गया है जिसे प्रधानाचार्य डाउनलोड कर विद्यालय की लोकेशन और फोटो अपलोड कर सकेंगे।

इसके अलावा 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग छात्रों को उनके विद्यालय में ही परीक्षा देने की सुविधा दी जाएगी। यदि ऐसा संभव नहीं है तो उन्हें सात किलोमीटर के भीतर के परीक्षा | केंद्रों में समायोजित किया जाएगा।


परीक्षा केंद्र निर्धारण के प्रमुख बिंदु

वर्ष 2026 की परीक्षा में हाईस्कूल के 27,50,945 और इंटरमीडिएट के 24,79,352 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे।

कुल 52,30,297 परीक्षार्थियों के लिए 7500 से 7700 विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा।

इस बार अधिक छात्र संख्या और ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने वाले विद्यालयों को दी जाएगी प्राथमिकता।

विद्यालयों में 2200 से अधिक परीक्षार्थी भी आवंटित किए जा सकेंगे (पिछले वर्ष अधिकतम सीमा 2000 थी)।


इन्हें नहीं बनाया जाएगा परीक्षा केंद्र

जहां क्रियाशील प्रयोगशाला नहीं है।

जिन विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजरे हैं।

जिनकी मान्यता प्रत्याहरण की प्रक्रिया चल रही है।

जहां हाईस्कूल और इंटर दोनों में कुल 80 से कम छात्र पंजीकृत हैं।

ऐसे स्ववित्तपोषित विद्यालय जहां 20 प्रतिशत से अधिक परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे हों।

जिन विद्यालयों तक पहुंचने के लिए 10 फीट से कम चौड़ा रास्ता है।

जिन विद्यालयों की क्षमता 125 से कम है।

जिन विद्यालयों के परिसर में प्रबंधक या प्रधानाचार्य के आवास हैं।

जहां प्रबंधक और प्रधानाचार्य के बीच विवाद चल रहा है।

जिन विद्यालयों में उत्तरपुस्तिका बाहर लिखते हुए पाए जाने की रिपोर्ट दी गई है।




यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण की नीति जारी, सीसीटीवी कैमरों से लैस विद्यालय ही बनाए जाएंगे परीक्षा केंद्र

10 नवंबर से शुरू होकर 30 दिसंबर तक पूरी होगी निर्धारण की प्रक्रिया


🔴 महत्वपूर्ण बिंदु

राजकीय, सहायता प्राप्त अशासकीय, निजी विद्यालयों के क्रम में बनाए जाएंगे परीक्षा केंद्र

एक केंद्र पर विद्यार्थियों की न्यूनतम संख्या 250 एवं अधिकतम 2200 होगी

विगत वर्षों में डिबार स्कूल परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे

एक ही प्रबंधक व उसके परिवार द्वारा संचालित विद्यालयों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे

परस्परत विद्यालय में परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जाएंगे

यथासंभव बालिकाओं के विद्यालय में बालकों का परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने वर्ष 2026 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएड की परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारण की नीति शनिवार को जारी कर दी। इसके तहत सीसीटीवी कैमरों से लैस विद्यालय ही परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया 10 नवंबर से शुरू होकर 30 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी।

केंद्र निर्धारण के लिए इस बार कई नए मानक भी तय किए गए हैं। इसके तहत जिन विद्यालयों में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था है, उन्हें केंद्र निर्धारण में वरीयता दी जाएगी। इसके लिए 10 अंक भी तय किए गए हैं। जिन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, उन्हें भी केंद्र निर्धारण में वरीयता दी जाएगी।

प्रधानाचार्य कक्ष से अलग दोनों तरफ सीसीटीवी कैमरों युक्त सुरक्षित स्ट्रांग रूम बनाए जाने के लिए कहा गया है। स्ट्रांग रूम में प्रश्न पत्रों को रखने के लिए चार डबल लॉक के बॉक्स होंगे। इसी के साथ उत्तर पुस्तिकाओं को रखने के लिए भी अति सुरक्षित स्ट्रांग रूम होगा। मानक के अनुसार, प्रवेश द्वार एवं प्रमुख स्थलों के अलावा सभी कक्षाओं के बाहर भी दोनों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए। ये कैमरे बोर्ड एवं प्रशासन कंट्रोल रूम से भी जुड़े होंगे। 

परीक्षा केंद्र 12 किमी की परिधि में होने चाहिए। जिला एवं तहसील स्तरीय समिति करेगी विद्यालयों का भौतिक सत्यापन परीक्षा केंद्र बनाए जाने वाले विद्यालयों का भौतिक सत्यापन जिला एवं तहसील स्तर पर गठित समिति करेगी। गाइडलाइन के अनुसार, प्रधानाचार्य निर्धारित प्रारूप में विद्यालय में जियो लोकेशन के साथ विद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं का विवरण पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इसे जिलों को भेज दिया जाएगा। इसके बाद एसडीएम की अध्यक्षता में तहसील स्तर पर गठित समिति इसका भौतिक सत्यापन करेगी।

समिति में डीएम की ओर से नामित अभियंत्रण विभाग के अभियंता एवं संबंधित तहसील के तहसीलदार सदस्य होंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से अधिकृत सह जिला विद्यालय निरीक्षक या राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य सदस्य सचिव होंगे। भौतिक सत्यापन में तथ्य गलत पाए जाते हैं तो विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


🔴 केंद्र निर्धारण का कार्यक्रम

विद्यालयों की ओर से भौतिक संसाधन संबंधी विवरण 10 नवंबर तक अपलोड किए जाएंगे

तहसील स्तरीय समिति की ओर से भौतिक सत्यापन कार्य 17 नवंबर तक

सत्यापित आख्या ऑनलाइन अपलोड करने की अंतिम तिथि 24 नवंबर

परिषद की ओर से ऑनलाइन चयनित केंद्रों की प्रारंभिक सूची 27 नवंबर तक जारी की जाएगी

डिबार विद्यालयों की सूची 28 नवंबर को प्रदर्शित की जाएगी

आपत्तियां / प्रत्यावेदन ऑनलाइन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 04 दिसंबर

जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से आपत्तियों का निस्तारण 11 दिसंबर तक

अनुमोदित केंद्र सूची परिषद की वेबसाइट पर 17 दिसंबर तक अपलोड की जाएगी

यदि किसी को दोबारा आपत्ति हो तो वह 22 दिसंबर तक ऑनलाइन दर्ज कर सकेगा

अंतिम रूप से परीक्षा केंद्रों की सूची 30 दिसंबर तक जारी की जाएगी


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