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Friday, October 31, 2025

शिक्षकों के वक्त से स्कूल आने का तंत्र तैयार करने का हाईकोर्ट का निर्देश

शिक्षकों के वक्त से स्कूल आने का तंत्र तैयार करने का हाईकोर्ट का निर्देश

31 अक्टूबर 2025
प्रयागराज। हाईकोर्ट ने गांवों के गरीब छात्रों के शिक्षा पाने के अधिकार सहित जीवन-समानता के अधिकारों की पूर्ति के लिए राज्य सरकार को सरकारी, गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की समय से उपस्थिति का तंत्र तैयार करने का निर्देश दिया है। 

यह आदेश न्यायमूर्ति पीके गिरि ने बांदा की अध्यापिका इंद्रा देवी, लीन चौहान की याचिका पर दिया है। कोर्ट को बताया गया कि मुख्य सचिव इसी मुद्दे पर बैठक कर रहे हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर इसकी जानकारी मांगी है। 

कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से सरकार ने जमीनी स्तर पर अध्यापकों की समय से उपस्थिति का नहीं बनाया, जिससे हाईकोर्ट में याचिकाएं आ रही हैं। कोर्ट ने याचियों की पहली गलती और भविष्य में गलती न दोहराने के आश्वासन पर उन्हें क्षमा कर दिया। याचियों ने कहा कि भविष्य में पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज कराती रहेंगी।

दस मिनट की छूट संभव बस ये आदतन न होः हाईकोर्ट
कोर्ट ने कहा कि आज के दौर में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से उपस्थिति कराई जा सकती है। कोई कभी देरी से आता है तो दस मिनट छूट दी जा सकती है बशर्ते ये आदतन न हो। सभी अध्यापकों को हर दिन तय समय पर शैक्षिक संस्थानों में मौजूद होना चाहिए।








स्कूलों में अध्यापकों की सुनिश्चित की जाए उपस्थिति', मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव बेसिक को हाईकोर्ट का निर्देश 

हाईकोर्ट ने कहा- बच्चों के शिक्षा पाने के मौलिक अधिकारों का न हो हनन

19 अक्टूबर 2025
प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में अध्यापकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव (एसीएस) बेसिक व अन्य अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि बच्चों के शिक्षा पाने संबंधी मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। यह आदेश न्यायमूर्ति पीके गिरि ने बांदा की अध्यापिका इंद्रा देवी की याचिका पर पारित किया है।

हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सरकार, स्कूलों में शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था करें तथा जिला एवं ब्लाक स्तर पर ऐसा टास्क फोर्स बनाए जिससे स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। कोर्ट ने बांदा के डीएम व बीएसए से जिले की रिपोर्ट मांगी है। हाई कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने शिक्षकों की उपस्थिति के लिए डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था की है, लेकिन वह अभी धरातल पर नहीं है। अपने विस्तृत आदेश में कोर्ट ने कहा कि शिक्षक गुरु है और वह परम ब्रह्म के समान है। कोर्ट ने शास्त्रों की यह उक्ति उद्धित की, 'गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वर गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः ।'

तथ्य यह हैं कि याची शिक्षक कंपोजिट स्कूल तिंदवारी, बांदा में नियुक्त है। उसकी स्कूल में गैरमौजूदगी को लेकर बीएसए बांदा ने 30 अगस्त 2025 को एक आदेश जारी किया था जिसे उसने याचिका में चुनौती दी है। आरोप है कि वह डीएम के निरीक्षण के दौरान स्कूल में नहीं थी। हस्ताक्षर कर स्कूल से गायब थी। हाई कोर्ट ने कहा कि शिक्षकों की स्कूल से गैरमौजूदगी के कारण बच्चों के मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 का उल्लंघन हो रहा है। गरीब बच्चों के शिक्षा पाने के मौलिक अधिकारों का भी हनन हो रहा है। हाई कोर्ट ने कहा, शिक्षकों के स्कूलों में नहीं जाने से बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


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