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Wednesday, November 2, 2016

दूरस्थ शिक्षा से जुड़ेंगे मदरसों के छात्र, 10वीं-12वीं एवं विशेष प्रोफेशनल पाठ्यक्रम करने में मिलेगी सहायता

मदरसों के छात्रों को 10वीं और 12वीं कक्षा एवं विशेष प्रोफेशनल पाठ्यक्रम उत्तीर्ण कराने के लिए विशेष योजना संचालित की जा रही है। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के माध्यम से दीनी मकतबों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं। फिलहाल प्रदेश में इस योजना का लाभ चार दर्जन से अधिक मदरसों से पंजीकरण किया चुका है। छात्रों को यहां पहली बार परीक्षा देने के लिए कोई शुल्क भी नहीं देना है।

मदरसे सांसारिक शिक्षा जुड़ें इसके लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने विशेष कल्याणकारी योजना को अमली जामा पहनाया है। एनआइओएस के माध्यम से दीनी तालीम हासिल कर रहे छात्रों को माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ‘एसपीक्यूईएम’ योजना के अंतर्गत 10वीं अथवा 12वीं कक्षा में दाखिला और परीक्षा निशुल्क कराने की योजना है।

क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक डा. आलोक कुमार गुप्त का कहना है कि मदरसों को शैक्षिक स्तरों के प्रमाणपत्र, व्यावसायिक शिक्षा के साथ संपर्क और आधुनिक विषयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के साथ संबद्ध हो सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य प्रारंपरिक संस्थानों जैसे मदरसों और मकतबों को विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन, हिंदी और अंग्रेजी विषयों की पाठ्यचर्या आरंभ करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके लिए मदरसों का पंजीकरण किया गया है। समय समय पर इस योजना के अंतर्गत मकतबों को जोड़ने की मुहिम भी चलाई जाती है। दरअसल मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत दीनी मकतबों को अध्ययन केंद्र बनाया जाना है।

स्वैच्छिक होगी प्रक्रिया : पारंपरिक मदरसों और मकतबों के आधुनिकीकरण की प्रकिया स्वैच्छिक होगी। मकतब/मदरसे/दार-उल-उलूम उच्चतर माध्यमिक स्तर के कार्यक्रम चलाने के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के प्रत्यायित अध्ययन केन्द्र बनने का विकल्प चुन सकते हैं। यह योजना मदरसों में पढ़ रहे बच्चों के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए अवसर प्रदान करने का भी प्रयास करेगी जिससे वे रोजगार बाजार में प्रवेश कर सकेंगे और उद्यमशीलता को बढ़ाया जा सकेगा।

जो बन सकते हैं केंद्र : ऐसे मदरसे जो कम से कम तीन वषों से कार्य कर रहे हैं। केन्द्रीय अथवा राज्य सरकार अधिनियमों अथवा मदरसा बोर्ड अथवा वक्फ बोडोर्ं अथवा एनआईओएस के अंतर्गत पंजीकृत हैं। वे इस कार्यक्रम के अंतर्गत सहायता के लिए आवेदन करने हेतु योग्य हैं। ऐसे सभी मदरसे जो दूरस्थ शिक्षा विधा द्वारा शामिल होना चाहते हैं।

इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि के अध्ययन केंद्रों में अब अधिक पाठ्यक्रमों के संचालन करने की सुविधा होगी। योजना के अंतर्गत अध्ययन केंद्रों पर वांछित कार्यक्रम के अतिरिक्त पाठ्यक्रमों को मान्यता देने का क्रम शुरू किया गया है। इस संबंध में प्रदेश के कुछ केंद्रों को अतिरिक्त पाठ्यक्रमों की सुविधा प्रदान कर दी गई है। विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रम में कला, वाणिज्य, विज्ञान आदि संकायों के सैकड़ों पाठ्यक्रमों एवं प्रोफेशनल कोर्स में सीधा अध्ययन केंद्रों के माध्यम से प्रवेश लिया जा सकता है। इसके लिए विवि की योजनाएं समय-समय पर आती रहती हैं। इसी योजना को आगे बढ़ाते हुए विवि ने केंद्रों में अतिरिक्त कार्यक्रम स्वीकृत किये हैं। अध्ययन केंद्र प्रभारी डा. इति तिवारी के अनुसार 9 केंद्रों में अतिरिक्त पाठ्यक्रम लागू किया गया है। इसमें दीक्षित कालेज ऑफ हायर एजूकेशन रामपुर, मुलतानीमल मोदी पीजी महाविद्यालय गाजियाबाद, पूर्वाचल पीजी कालेज आजमगढ़, सरस्वती कालेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज गाजियाबाद, विद्याधर मिश्र सरस्वती विद्यामंदिर प्रतापगढ़, दयाशंकर महिला महाविद्यालय हंडिया इलाहाबाद, एल्पलाइन कालेज ऑफ एजूकेशन जलालाबाद शामली और मां सरस्वती सीता डिग्री कालेज सोरांव इलाहाबाद शामिल है। यहां पर बीए, एमए, एमकॉम, पीजीडीसीए, सीसीवाई, एमएसडब्लू, एमबीए सहित प्रमाणपत्र, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा आदि शामिल है।

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