बैंकों से भुगतान न होने से आहत जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों ने आर्यावर्त ग्रामीण बैंक तथा केनरा बैंक के बाहर प्रदर्शन किया। शाखा प्रबंधकों को ज्ञापन सौंप कर धन आहरित कराए जाने की मांग की है।दो दर्जन से अधिक शिक्षकों ने संघ के ब्लाक अध्यक्ष शकील अहमद के नेतृत्व में पहले सदर बाजार में जुलूस निकाला और बाद में बैंकों के विरोध में मुर्दाबाद के नारे लगाए। जुलूस निकालने और प्रदर्शन के बाद दोनों बैंक के प्रबंधकों को ज्ञापन सौंप कर चौबीस हजार प्रति सप्ताह शिक्षकों को भुगतान दिए जाने की मांग की। बैंक की ओर से कैश उपलब्ध न होने की दलील दी गई। साथ ही स्थिति जल्द सामान्य होने का आश्वासन भी दिया। ज्ञापन सौंपने के बाद ब्लाक अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षकों के ज्यादातर खाते आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में हैं। एमडीएम तथा रसोइया का रुपया यही से निकलता है। बैंक द्वारा शिक्षकों का वेतन, एमडीएम तथा रंगाई पुताई का रुपया और रसोइया का मानदेय नहीं दिया जा रहा है। ब्लाक अध्यक्ष ने बताया कि भुगतान मांगने पर बैंक द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का अलग काउंटर खोल कर चौबीस हजार रूपये प्रति सप्ताह का भुगतान किया जाना चाहिए, अन्यथा की स्थिति में विकास खंड के सभी शिक्षक बैंक के समक्ष धरने पर बैठ जाएंगे। धरना प्रदर्शन में अर¨वद राठौर, अंजू मौर्य, राज कुमार, लईक अहमद, खालिद, वीरू कुशवाहा, रमेश सिंह सहित बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं रहीं।
सप्ताह में एक दिन बंटता है कैश
आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में नोटबंदी के बाद से ही समस्या गंभीर बनी हुई है। सप्ताह में सिर्फ दो हजार रूपये प्रति खातेदार ही भुगतान हो पा रहा है। ऐसे में शिक्षकों के धरने का कोई असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। इसमें सिर्फ बुधवार को ही भुगतान होता है। बैंक में रुपये न होने के कारण विद्यालय की रंगाई-पुताई से लेकर मध्याह्न भोजन योजना भी प्रभावित हो रही है। सोमवार को भुगतान नहीं हो सका। बैंक के मुख्य चैनल पर दिन भर ताला पड़ा रहा। केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ इंडिया में दो से चार हजार का भुगतान किया गया। सिर्फ स्टेट बैंक ही अपने खातेदारों को छह हजार रूपये भुगतान कर रही है।बिलग्राम में बैंक के बाहर प्रदर्शन करते शिक्षक। जागरण
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