हाल ही में हुए बेसिक शिक्षा अधिकारियों के तबादले में खुद को बचा लेने पर बीएसए जीएस निरंजन फूले नहीं समा रहे हैं। शासन के आदेश पर अनुसचिव लालबहादुर यादव द्वारा छह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों में फेरबदल किया गया है। सूत्रों की मानें तो बीएसए जीएस निरंजन की कार्यशैली की तमाम शिकायतें शासन में हैं और इन्हें यहां से हटाने के लिए पत्रावली भी तैयार हुई थी। जीएस निरंजन एक मंत्री और पार्टी के एक नेता को पकड़कर उस पत्रावली को दबवाने में सफल हो गए। हालांकि उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना के एक मामले में फंसे जीएस निरंजन पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। लूट में छूट न देने की वजह से जिले के विवादित बीएसए द्वारा अनियमित तरीके से सर्व शिक्षा अभियान के सहायक वित्त एवं लेधाधिकारी (एएओ) को हटाने के लिए जारी किए गए आदेश को निरस्त कर दिया गया है। एएओ को अपर परियोजना निदेशक ने नवीन तैनाती दे दी है। बावजूद इसके अभी तक राज्य परियोजना निदेशक को लिखित स्पष्टीकरण न देने वाले बीएसए पर कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा नहीं की गयी है। कार्रवाई न होने से मनबढ़ हो चुके बीएसए की कार्यशैली शिक्षा विभाग के स्तर को निम्न श्रेणी में ले जा रही है। गौरतलब है कि सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी (एएओ) धीरेंद्र श्रीवास्तव को बीएसए गुरुशरण सिंह निरंजन ने अनियमित ढंग से उनके मूल विभाग आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा निदेशालय उप्र लखनऊ के लिए कार्यमुक्त कर दिया। चूंकि धीरेन्द्र श्रीवास्तव बीएसए के उन कार्यों का विरोध कर रहे थे जिसमें वह लूट-खसोट करना चाहते थे। बिना टिन नंबर अपनी चहेती फर्म को कस्तूरबा विद्यालयों में ड्रेस सप्लाई का ठेका बीएसए दिलाना चाहते थे जिसमें कोई भी सहयोग करने से धीरेन्द्र श्रीवास्तव ने मना कर दिया था। जब बीएसए द्वारा जबरन एएओ को रिलीव करने की जानकारी राज्य परियोजना निदेशक (एसपीडी) जीएस प्रियदर्शी को हुई तो उन्होंने तत्काल बीएसए गुरुशरण सिंह निरंजन को तलब कर लिखित स्पष्टीकरण मांगा। साथ ही अपर परियोजना निदेशक राजकुमारी वर्मा ने बीएसए के आदेशों को निरस्त करते हुए एएओ को फैजाबाद तैनाती दे दी। इसके साथ ही फतेहपुर का भी अतिरिक्त चार्ज उन्हें सौंपा गया।
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