शहर में दो स्थानों पर चल रहे एक्सीलरेटेड लर्निंग कैंप के दिव्यांग बच्चे ठंड से ठिठुर रहे हैं। कड़ाके की ठंड के कारण डीएम ने चार जनवरी तक कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय समेत 12वीं तक के सभी अंग्रेजी-हिन्दी मीडियम स्कूल बंद कर दिए। लेकिन सीपीआई परिसर और बैरहना स्थित प्राथमिक विद्यालय में संचालित लर्निंग कैंप के बच्चों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।अपने घरों से दूर मूक-बधिर और दृष्टिहीन कई बच्चे ठंड के कारण बीमार भी पड़ गए। सीपीआई परिसर में चल रहे शिविर में कक्षा एक, चार, पांच, छह, सात व आठ के 41 बच्चे हैं। बैरहना में 38 बच्चे हैं। इन बच्चों की कक्षाएं सुबह 9 से 4 बजे तक चलती है। लेकिन के कारण क्लास में ही बच्चे कंपकपाते रहते हैं। सीपीआई परिसर में पिछले दिनों कक्षा एक की छोटी बच्ची अनीता को ठंड लग गई।पेट में दर्द की शिकायत पर उसे दवा दी गई। क्लास एक के ही अवनीश तिवारी और पांचवीं की सबरीन बानो को भी ठंड लगने पर शिक्षकों ने दवा दिया। शीतलहर चलने पर शिक्षक लकड़ी-कोयला जलाकर किसी तरह ठंड से बच्चों को बचाने की कोशिश करते रहते हैं। ठंड लगने के कारण कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बहरिया की वार्डेन प्रतिमा शुक्ला 31 दिसंबर से एसआरएन में भर्ती हैं।
छुट्टी होने के बाद अभिभावक बच्चों को कैंप में नहीं भेजते। ठंड के कारण लर्निंग कैंप में क्लासेस नहीं चलवा रहे है। बच्चों के लिए रजाई, गद्दे, गर्म कपड़े के पर्याप्त इंतजाम हैं।-श्रद्धा गोबरेले जिला समन्वयक समेकित शिक्षा
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