सिक शिक्षा विभाग में पकड़े गए 23 फर्जी शिक्षकों ने नौकरी पाने के लिए अपनी मेरिट बढ़ाई थी। इन शिक्षकों ने अपनी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की अंकतालिकाओं में विषय वार अंकों में फेरबदल कर लिया था। ताकि वह मेरिट के आधार पर नियुक्ति पा सकें। इन 23 शिक्षकों ने वास्तविक नौकरी के हकदार अभ्यर्थियों के हक को छीन लिया। 142 माह पहले हुई 10 हजार शिक्षक भर्ती में 10 और 28 माह पहले हुई 10800 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 13 अभ्यर्थियों के शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र और शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। इन सभी 23 शिक्षकों को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया जा चुका है। इनमें से जिन शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्र चेक हुए हैं वह ऑनलाइन फर्जी पाए गए हैं। जबकि जिन शिक्षकों के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट प्रमाण पत्र चेक हुए हैं, उनमें से प्रमाण पत्र पर उत्तीर्ण करने का वर्ष, अनुक्रमांक, विषय तो सही हैं लेकिन मेरिट बढ़ाने के लिए विषय वार अंकों में फेरबदल किया गया है।
अंकों में फेरबदल होने से इनकी मेरिट बढ़ गई और ये नौकरी पा गए। जबकि इसी भर्ती में आवेदन करने वाले वास्तविक अभ्यर्थी मेरिट अधिक जाने के कारण नौकरी नहीं पा पाए। इन फर्जी शिक्षकों ने असली अभ्यर्थियों का हक तो छीन लिया है। लेकिन अब न तो इनकी नौकरी रहेगी और न ही इनके स्थान पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को नौकरी में आने का मौका मिल सकेगा। जल्द ही इन 23 शिक्षकों पर फैसला बेसिक शिक्षा विभाग करने की तैयारी में जुट गया है।
10 हजार और 10,800 शिक्षक भर्ती में 23 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। इन सभी को सेवा समाप्ति का नोटिस दिया जा चुका है। जल्द ही इनके विरुद्ध कार्रवाई होगी।रामकरन यादव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।
No comments:
Write comments