DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Saturday, March 25, 2017

शिक्षा विभाग के तो टॉप बॉस तक नहीं हैं बेदाग, सेंटर, ट्रांसफर, पोस्टिंग व नियुक्ति बना कमाई का जरिया

 



 शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने पद संभालते ही चयन बोर्ड के स्तर पर होने वाली नियुक्तियों में रोक लगा दी। विभाग को साफ संदेश दिया है कि अब खेल नहीं चलेगा। हैरानी की बात यह है कि जिस विभाग में यह संदेश दिया वहां के तो टॉप बॉस तक कभी बेदाग नहीं रहे हैं।

’ मंत्री ने दिया भ्रष्टाचार खत्म करने का संदेश
’ विभाग में तो हर कुर्सी की कीमत तय है
टीईटी-2011 में परीक्षा के दौरान और नतीजों में हेरा फेरी का प्रकरण में इनका नाम सामने आया। फरवरी 2012 में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। संजय मोहन को जेल भी जाना पड़ा।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में अपर निदेशक पद पर रहने के दौरान स्कूलों के भवन निर्माण में धांधली से जुड़े पैकपेड घोटाले में इनका नाम भी उछला। सीबीएसई के चेयरमैन की दौड़ में भी शामिल हुए। लेकिन बाहर हो गए।
जनवरी 2014 में इनके अधीनस्थ एक क्लास वन अधिकारी ने इन पर भ्रष्टाचार से करोड़ों का सम्पत्ति इकट्ठा करने के आरोप लगाए। कई स्कूल खोलने से लेकर प्रमोशन, नियुक्ति, मान्यता में खेल करने तक के आरोप भी लगाए गए थे।
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री डॉ.आरपी मिश्र ने बताया कि विभाग के टॉप लेवल पर ट्रांसफर, पो¨स्टग, नियुक्तियां और नकल करोड़ों रुपए का उद्योग सा बन गया है। पिछले कुछ सालों में यह तेजी से पनपा है। चहेतों को विभाग का मुखिया बनाकर सरकार और शासन ने इन्हें शरण दी। जिसका नतीजा है कि कभी टॉप पर रहने वाले सरकारी और एडेड स्कूलों को आज कोई पूछता तक नहीं है।
आय से अधिक सम्पत्ति के आरोप लगे। इलाहाबाद के पॉश इलाके में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति खरीदने का प्रकरण सामने आया। तत्कालीन मुख्यमंत्री से शिकायत भी की गई। लेकिन, जांच निदेशक तक पहुंच कर थम गई।
लखनऊ। यूपी बोर्ड परीक्षा में निर्देश के बाद भी ड्यूटी न करने पर शुक्रवार को शिक्षक की एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश जारी कर दिए। जिला विद्यालय निरीक्षक ने इसकी संस्तुति कर दी है। साथ ही स्पष्ट किया है कि जो भी सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी नहीं करेंगे, उनकी भी वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई की जाएगी। डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि बीकेटी इंटर कॉलेज के शिक्षक कैलाश चंद्र की बोर्ड परीक्षा के लिए ड्यूटी कुम्हरावां इंटर कॉलेज में लगी थी। बार-बार सूचना देने के बाद भी वह केन्द्र पर नहीं पहुंचे।

No comments:
Write comments