इलाहाबाद : टीजीटी कला के 11 फरवरी 2017 को घोषित परिणाम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने चयन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए चयन परिणाम रद कर संशोधित परिणाम जारी करने तथा रिक्त हुए पदों पर याचीगण को नियुक्ति देने की मांग की है। 1रवींद्र प्रताप और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से इस मामले में जवाब मांगते हुए गलत तरीके से चयन पाने के आरोपी छात्रों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचीगण के अधिवक्ता सीमांत सिंह ने बताया कि 28 दिसंबर 2013 को प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक के 239 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया। विज्ञापन में पद के लिए दी गई अनिवार्य अर्हताओं में प्राविधिक कला से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया गया था। यह भी शर्त थी कि अभ्यर्थी आवेदन के समय ही अपनी सभी शैक्षिक अर्हताओं के प्रमाणपत्र संलग्न करेंगे। शर्त थी कि आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जनवरी 2014 तक अभ्यर्थी के पास सभी आवश्यक शैक्षणिक अर्हता होनी चाहिए।
याचीगण के पास प्राविधिक कला में इंटरमीडिएट की योग्यता थी। आठ फरवरी 2015 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई जिसमें याचीगण का चयन हो गया था। 11 फरवरी 2017 को साक्षात्कार के बाद अंतिम परिणाम घोषित हुआ तो याचीगण चयनित नहीं हो सके। मगर चयन परिणाम में कई ऐसे अभ्यर्थी चयनित हुए जिनके पास आवेदन के समय प्राविधिक कला में योग्यता नहीं थी। उनके परिणाम के सामने योग्यता वांछित लिखा गया है। याचीगण का कहना था कि ऐसे अभ्यर्थियों का आवेदन ही स्वीकार नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह विज्ञापन की शर्तो के विपरीत है। हाईकोर्ट ने 13 चयनित अभ्यर्थियों को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। याचिका पर 17 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।
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