शाहबाद में एमडीएम वितरण में हो रहा था खेल पकड़ा, एक बार के बाद दोबारा बच्चों को नहीं दिया गया था दूध
मिड-डे मील वितरण में इतना बड़ा घपला कोई सिर्फ एनजीओ ही नहीं, बल्कि अफसरों को भी सवालों के घेरे में खड़ा करता है। सालभर का लम्बा समय और घपला छुपा रहा। ऐसे में यह बड़ा सवाल खड़ा होता है. फिर तो चेकिंग के नाम भी खेल होता रहा। अफसरों के अपने मन को छोड़िये, ऐसा भी नहीं कि सालभर में कभी मिड-डे मील की चेकिंग का आदेश जारी नहीं हुआ। फिर भी घपला लगातार चलता रहा। अब ऐसे में यह कहना बेमानी होगी कि अफसरों को दूध वितरण न होने की जानकारी नहीं थी। दूसरा पहलू यह हो सकता है कि स्कूलों का निरीक्षण नहीं किया गया, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया या फिर चेकिंग के नाम पर खेल किया गया और मामले को दबाए रखा गया। इन सभी मामलों में अफसरों की भूमिका पूरी तरह से संदिग्धता के घेरे में है।
नौनिहालों को मध्याह्न भोजन में दूध वितरण में धांधली के मसले पर प्रशासन हरकत में आ गया है। घपले का खुलासा करती हिन्दुस्तान की खबर को गम्भीरता से लेते हुए डीएम ने बीएसए से रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। शाहबाद नगर क्षेत्र के नौ स्कूलों में मिड-डे मील वितरण की जिम्मेदारी रामपुर की एनजीओ के पास है। सरकार के आदेश के बाद जुलाई 2016 से बच्चों को प्रत्येक बुधवार को मध्याह्न भोजन के रूप में तहरी के साथ दूध वितरण किया जाना था। लेकिन शाहबाद नगर क्षेत्र में इसमें बड़ा खेल किया गया। महज पहले बुधवार को बच्चों को दूध दिया गया। उसके बाद तब से आज तक बच्चों को दोबारा दूध नहीं मिला। अब आकर घपला पकड़ गया। जिसके बाद महकमे में हड़कम्प मचा और आनन-फानन में एनजीओ को नोटिस जारी कर दिया गया। वेतन काटने की बात भी जिम्मेदार कह रहे है। इस खबर को हिन्दुस्तान ने अपने बुधवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद जिला प्रशासन में भी हड़कम्प मच गया। तत्काल डीएम डा. राजशेखर ने बीएसए से आख्या तलब की है।
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