गजेंद्र कुमार यादव ’सम्भल1परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मुफ्त मिलने वाली किताबों के वितरण में लेट लतीफी का तोड़ निकल आया है। एनसीईआरटी ने ई पोथी नाम का मोबाइल एप विकसित किया है। यह परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबों का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है। शिक्षक या अभिभावक स्मार्टफोन पर इसे अपलोड कर बच्चों को पढ़ा सकते हैं। 1सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कई वर्षो से देखने में आ रहा है कि परिषदीय स्कूलों में आधा सत्र बीत जाने के बाद स्कूलों में किताबें पहुंचती हैं। इससे स्कूलों में अध्यापन में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आधा सत्र बीत जाने के बाद जब किताबें मिलती हैं तो कोर्स पूरा कराने की जल्दबाजी रहती है जिससे कुछ पाठ तो बच्चों की समझ में आ जाते हैं और कुछ उनकी समझ से परे हो जाते हैं। समय अभाव के कारण अध्यापक ये पाठ रिवाइज नहीं करा पाते हैं। इससे बच्चों की शिक्षा में खासा प्रभाव पड़ता है और वे पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं। सरकार ने किताबों की लेटलतीफी का तोड़ निकालते हुए मोबाइल एप तैयार कराया है। इसे ई पोथी नाम दिया गया है। ई पोथी नाम का यह मोबाइल एप www.scertup.co.in से डाउनलोड किया जा सकता है। यह मोबाइल एप स्मार्टफोन पर आसानी से खुल जाता है। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक व अभिभावक बच्चों को स्मार्टफोन पर ई पोथी खोलकर इसके माध्यम से पढ़ा सकते हैं। इस मोबाइल एप पर कक्षा चार से आठ तक की सभी किताबों को अपलोड किया जा चुका है। कक्षा एक से तीन तक की किताबों की विषय वस्तु के पुनरीक्षण के चलते अपलोड नहीं किया गया है लेकिन जल्द ही इन्हें भी मोबाइल एप पर अपलोड कर दिया जाएगा। 1उपयोगी साबित होगा डिजिटल संस्करण : शैक्षणिक सत्र बीत जाता था और परिषदीय स्कूलों के बच्चों का कोर्स पूरा नहीं हो पाता था। अब यह मोबाइल एप आ जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। पाठ्य पुस्तकों का यह डिजीटल संस्करण शिक्षकों और अभिभावकों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।किताबों का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण तैयार किया जाना शासन की ओर से उठाया गया बेहतर कदम है। इससे किताबों के देरी से पहुंचने की कमी नहीं खलेगी। लेकिन अभी तक इस प्रकार का कोई लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। जो भी शासनादेश प्राप्त होगा उसी के अनुरुप कार्य कराया जाएगा। डॉ. सत्यनारायण, बेसिक शिक्षा अधिकारी सम्भल।
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