फर्जी डिग्रियों की जांच में ढील
सीडी उपलब्ध कराए एक सप्ताह से ज्यादा समय गुजराढिलाई
जागरण संवाददाता, एटा: बीएड की फर्जी डिग्रियों को लेकर बेसिक शिक्षा महकमे में चल रही जांच मामले में जनपद ब्लॉक स्तर के जिम्मेदारों की ढील से पिछड़ता नजर आ रहा है। स्थिति यह है कि कई जनपदों ने फर्जी डिग्रियों का चिन्हांकन कर रिपोर्ट शासन को भी भेज दी, लेकिन यहां तो अभी ब्लॉक से मांगी गईं सूचनाएं देने में देरी की जा रही है। ऐसी स्थिति में फर्जी डिग्री धारकों पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है। शासन द्वारा सीडी उपलब्ध कराए एक सप्ताह से ज्यादा समय गुजर चुका है। शुरूआत में फर्जी डिग्री धारकों की जांच जिला स्तर पर ही शुरू की गई। दिक्कतें हुईं, लेकिन तीन दर्जन फर्जी डिग्री धारकों का चिन्हांकन हो गया। 2004 और उसके बाद के बीएड डिग्री धारकों के शैक्षिक प्रमाणपत्र प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप पर खंड शिक्षाधिकारियों से दो दिन में सूचना मांगी गईं थीं। इसके बावजूद पूरा सप्ताह गुजरने को है, लेकिन अभी तक ब्लॉकों की सूचनाएं प्राप्त न होने की स्थिति में फर्जी डिग्रियों की जांच प्रक्रिया की रफ्तार थम कर रह गई है। लगातार चेतावनी के बावजूद सूचना मुख्यालय को पूरी तरह से प्राप्त नहीं हो रही हैं। कुछ जनपदों में फर्जी डिग्री धारियों का चिन्हांकन कर नोटिस भी दिए जा चुके हैं और उनकी सूचियां बेसिक शिक्षा निदेशालय भेजी गईं हैं, लेकिन यहां पिछड़ी जांच प्रक्रिया को लेकर लोगों की बेसब्री बढ़ती जा रही है। बीएसए एसके तिवारी ने खंड शिक्षाधिकारियों को तत्काल सूचनाएं देने को चेताया है। सोमवार बाद ही जांच प्रक्रिया रफ्तार पकड़ेगी।
स्थानीय स्तर पर मिल रही शिकायतें: विभाग के समक्ष स्थानीय स्तर पर भी कुछ शिक्षकों की डिग्रियों को लेकर सीधे तौर पर शिकायतें शासन और प्रशासन के जरिए से भी पहुंचना शुरू हुईं हैं।
सीडी उपलब्ध कराए एक सप्ताह से ज्यादा समय गुजराढिलाई
जागरण संवाददाता, एटा: बीएड की फर्जी डिग्रियों को लेकर बेसिक शिक्षा महकमे में चल रही जांच मामले में जनपद ब्लॉक स्तर के जिम्मेदारों की ढील से पिछड़ता नजर आ रहा है। स्थिति यह है कि कई जनपदों ने फर्जी डिग्रियों का चिन्हांकन कर रिपोर्ट शासन को भी भेज दी, लेकिन यहां तो अभी ब्लॉक से मांगी गईं सूचनाएं देने में देरी की जा रही है। ऐसी स्थिति में फर्जी डिग्री धारकों पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है। शासन द्वारा सीडी उपलब्ध कराए एक सप्ताह से ज्यादा समय गुजर चुका है। शुरूआत में फर्जी डिग्री धारकों की जांच जिला स्तर पर ही शुरू की गई। दिक्कतें हुईं, लेकिन तीन दर्जन फर्जी डिग्री धारकों का चिन्हांकन हो गया। 2004 और उसके बाद के बीएड डिग्री धारकों के शैक्षिक प्रमाणपत्र प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप पर खंड शिक्षाधिकारियों से दो दिन में सूचना मांगी गईं थीं। इसके बावजूद पूरा सप्ताह गुजरने को है, लेकिन अभी तक ब्लॉकों की सूचनाएं प्राप्त न होने की स्थिति में फर्जी डिग्रियों की जांच प्रक्रिया की रफ्तार थम कर रह गई है। लगातार चेतावनी के बावजूद सूचना मुख्यालय को पूरी तरह से प्राप्त नहीं हो रही हैं। कुछ जनपदों में फर्जी डिग्री धारियों का चिन्हांकन कर नोटिस भी दिए जा चुके हैं और उनकी सूचियां बेसिक शिक्षा निदेशालय भेजी गईं हैं, लेकिन यहां पिछड़ी जांच प्रक्रिया को लेकर लोगों की बेसब्री बढ़ती जा रही है। बीएसए एसके तिवारी ने खंड शिक्षाधिकारियों को तत्काल सूचनाएं देने को चेताया है। सोमवार बाद ही जांच प्रक्रिया रफ्तार पकड़ेगी।
स्थानीय स्तर पर मिल रही शिकायतें: विभाग के समक्ष स्थानीय स्तर पर भी कुछ शिक्षकों की डिग्रियों को लेकर सीधे तौर पर शिकायतें शासन और प्रशासन के जरिए से भी पहुंचना शुरू हुईं हैं।
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