बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं हैं। खंड शिक्षा अधिकारी ‘आओ अंग्रेजी सीखें (डब्ल्यूएलई) कार्यक्रम’ में रुचि नहीं ले रहे हैं। कार्यक्रम के 90 में से 65 एपीसोड बीत चुके हैं लेकिन रेडियो न होने से नौनिहाल इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से वंचित रह गए। जागरण में छप रही खबरों के प्रभाव से कुछ स्कूल तो हरकत में आए लेकिन अधिकांश स्कूलों में रेडियो के स्विच बंद रहे।
सरकार ने बच्चों को अंग्रेजी की रोचक जानकारी देने के लिए‘आओ अंग्रेजी सीखें (डब्ल्यूएलई) कार्यक्रम’चला रखा है। 17 जुलाई से 26 फरवरी तक प्रासारित होने वाले 90 एपीसोड में से 65वें एपीसोड का प्रसारण शुक्रवार को हुआ। कस्तूरबा विद्यालयों समेत कुछ परिषदीय विद्यालयों में रेडियो बजे लेकिन अधिकांश विद्यालयों में रेडियो बंद थे। जिले में 646 पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं जिनमें अधिकांश स्कूलों में रेडियो नहीं है। खंड शिक्षा अधिकारियों ने रेडियो कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया। जिसके कारण बच्चों को इसका लाभ नहीं मिला। शुक्रवार को बलरामपुर शिक्षा क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय धुसाह, शेखरपुर, महेशभारी, हरवशपुर, धमौली, संझवल प्रेमनगर, नंदनगर में रेडियो कार्यक्रम बच्चों को नहीं सुनाया गया। इन विद्यालयों में रेडियो नहीं थे।
केजीबीवी नगर में बालिकाओं को कार्यक्रम का प्रसारण सुनाया गया। उतरौला शिक्षा क्षेत्र के कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उतरौला की प्रधानाध्यापिका फौजिया सिद्दीकी ने बताया कि रेडियो कार्यक्रम केवल सोमवार व बुधवार को ही प्रसारित किया जाता है। इसलिए रेडियो नहीं लाई। रेहराबाजार क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय सहजौरा में बच्चों को रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण सुनाया गया। प्रधानाध्यापक अब्दुल रज्जाक, महेश कुमार, मघई राम ने अंग्रेजी सीखने में बच्चों का सहयोग किया। तुलसीपुर क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय मनकौरा काशीराम में प्रधानाध्यापक शिवाजी मौजूद नहीं थे। स्कूल का प्रभार देख रही प्राथमिक विद्यालय की शिक्षामित्र रीना यादव ने बताया कि कार्यक्रम की जानकारी नहीं है। बालिका शिक्षा के जिला समन्वयक डॉ. अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि कस्तूरबा विद्यालयों में रेडियो कार्यक्रम बराबर सुनाया जाता है। पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों की है।
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