CBSE की पहल, संबद्ध स्कूल बनेंगे NIOS परीक्षा केंद्र, ओपन स्कूलिंग में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं परीक्षाएं अपने शहर ही नहीं, बल्कि घर के पास दे सकेंगे
केंद्रों की दूरी से नामांकन और परीक्षा में उपस्थिति कम
घर के पास केंद्र, लड़कियों की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद
लखनऊ । शिक्षा के अधिकार को आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग तक पहुंचाने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बड़ी मानवीय पहल की है। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ - ओपन स्कूलिंग (एनआइओएस) में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं 10वीं, 12वीं, व्यावसायिक और अन्य परीक्षाएं अपने शहर ही नहीं, बल्कि घर के पास दे सकेंगे। उन्हें दूसरे शहर या राज्य की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। सीबीएसई ने इस संबंध में - देशभर के अपने संबद्ध स्कूलों को - सर्कुलर जारी किया है। प्रधानाचार्यों से अपील की है कि वे अपने स्कूल को एनआइओएस की परीक्षाओं के लिए केंद्र के रूप में पंजीकृत कराएं। इससे देशभर के लाखों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
एनआइओएस में 10वीं व 12वीं के साथ कंप्यूटर, हेल्थ केयर, इलेक्ट्रिशियन, ब्यूटी कल्चर, एआइ जैसे तमाम कोर्स में प्रवेश लिए जाते हैं। इसके देशभर में 7400 से अधिक स्टडी सेंटर भी हैं। सत्र 2025 में 10वीं परीक्षा में 1.06 लाख नामांकन के सापेक्ष 89 हजार 847 परीक्षार्थी ही शामिल हुए। इनमें 56 हजार 350 (62.72) ने सफलता हासिल की। 12वीं में 1.66 लाख बच्चों का नामांकन था, इनमें से 1.46 लाख ने परीक्षा दी। 94 हजार 457 (72.62) सफल रहे।
एनआइओएस उन लाखों बच्चों को पुनः शिक्षा की मुख्यधारा में लाने में मदद करता है, जिनकी पढ़ाई गरीबी, पारिवारिक जिम्मेदारी, बीमारी या कामकाज के कारण छूट गई। कई जिलों में एक या दो ही परीक्षा केंद्र होते थे, जिससे छात्रों को 30 से 70 किलोमीटर तक दूरी तय करनी पड़ती थी।
कई बार दूसरे शहर भी जाना पड़ता है। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए यात्रा, भोजन और ठहराव का खर्च पढ़ाई से महंगा साबित होता था। काफी छात्र फार्म भरने के बाद परीक्षा देने नहीं पहुंचते। इससे लड़कियों की भागीदारी पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। दिव्यांग छात्रों के लिए भी लंबी दूरी तय करना, परिवहन और सहायक की व्यवस्था करना मुश्किल है। सीबीएसई से संबद्ध स्कूल परीक्षा केंद्र बनेंगे तो बच्चे घर के पास ही परीक्षा दे सकेंगे, जिससे उपस्थिति बढ़ने की उम्मीद है।
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