मन में हौसला हो और समाज के लिए कुछ करने की चाहत हो तो ऐसे लोग समस्याओं का रोना नहीं रोते। वे जहां हैं, जैसे हैं, चल पड़ते हैं और समाज के लिए अग्रणी बन जाते हैं। सराहनीय कार्य करने वालों की सूची में प्रधानाध्यापिका प्रीती वर्मा को भी शामिल किया जा सकता है। अमौली ब्लाक के कुंदेरामपुर प्राथमिक विद्यालय में तैनात इस प्रधानाध्यापिका ने गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान कर बच्चों के करियर के बुनियाद को मजबूत बनाने की ठानी है।
प्रीती वर्मा ने दृढ़ इच्छाशक्ति से विद्यालय का नक्शा ही बदलकर रख दिया है। स्कूल में रंग रोगन, बैठक व्यवस्था के लिए बेंच-डेस्क, पढ़ने का तरीका, सजी-धजी कक्षा जो बच्चों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां आकर लगता है कि किसी निजी स्कूल में आ गए हैं। लेकिन यह ऐसे ही नहीं हुआ, इसको यहां तक पहुंचाने में यहां तैनात शिक्षिका प्रीती वर्मा की भूमिका भी है। वर्ष 2015 में विद्यालय में बतौर प्रधानाध्यापिका तैनात हुई श्रीमती वर्मा ने बच्चों के बैठने के आधुनिक डेस्क-बेंच की व्यवस्था की। बच्चों के पठन-पाठन पर विशेष ध्यान दिया। बच्चों की कान्वेंट की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्रदान करनी शुरू की। सुबह बच्चे जब स्कूल पहुंचते हैं तो गुड मार्निंग व सर-मैडम कहकर शिक्षक-शिक्षिकाओं को संबोधित करते हैं। इतना ही नहीं बच्चे टाई-बेल्ट व जूते पहनकर विद्यालय पहुंचते हैं। अत्यंत पिछड़े गांव के बच्चों को टाइ-बेल्ट व जूते शिक्षिका ने ही निश्शुल्क उपलब्ध कराए। बच्चों के पठन-पाठन में सहायक अध्यापक कौशल कुमार व शिक्षामित्र रूबी देवी भी पूरा सहयोग करती हैं।
बच्चों को करातीं शैक्षणिक भ्रमण : बच्चों की जिज्ञासा व ज्ञान बढ़ाने के लिए शिक्षिका समय-समय पर शैक्षणिक भ्रमण का कार्यक्रम भी कराती हैं। टूर पर बच्चों को आसपास के प्रमुख स्थानों पर ले जाती हैं। अभी हाल ही में उन्हें ¨बदकी की बावनी इमली, खजुहा स्थित औरंगजेब की पवेलियन के अलावा कानपुर के चिड़ियाघर भी उनको घुमाया है।
पुरानी बिल्डिंग को बनाया एक्टीविटी हाल: परिसर में ही स्थित विद्यालय का पुराना भवन जर्जर हो गया था, ऐसे में इस भवन को नीलाम करने के लिए कहा जा रहा था। लेकिन शिक्षिका ने कुछ धन अपने पास से लगाकर इस भवन की मरम्मतीकरण कराकर एक्टीविटी हाल के रूप में विकसित कर दिया। साथ ही विद्यालय के पुराने फर्नीचर को ठीक करवाकर बच्चों के भोजन के लिए टेबल तैयार करवा ली। अब बच्चे इस हाल में बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं।
विद्यालय परिसर में क्यारियों में विभिन्न प्रजाति के फूल वाले पौधों का रोपण करवाया, साथ ही छायादार वृक्ष भी लगवाए। इसके अलावा विद्यालय की रसोई में भी परिसर में बोई हुई सब्जियों का ज्यादातर उपयोग कराती हैं। बच्चों के साथ मिलकर सामुदायिक कार्य कर परिसर में हरियाली फैला रही हैं।
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