यूपी बोर्ड ने सरकार के दबाव में कक्षा नौ में आटोमोबाइल, रिटेल ट्रेडिंग (खुदरा व्यापार), सुरक्षा और आईटी/आईटीईएस को वैकल्पिक विषय के रूप में 2018-19 सत्र से लागू तो कर दिया है लेकिन 26 हजार से अधिक स्कूलों में इन विषयों को कौन पढ़ाएगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा देने के नाम पर सरकार ने नये कोर्स लागू किये हैं लेकिन हकीकत में राजकीय कॉलेजों में ही इन विषयों के शिक्षक नहीं है।.
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों या वित्तविहीन स्कूलों की स्थिति और निराशाजनक है। सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में मुख्य विषय पढ़ाने के लिए तो शिक्षक हैं नहीं, नए व्यवसायिक विषयों की बात करना तो दूर। वित्तविहीन स्कूलों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। चुनिंदा स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो यहां मुख्य विषयों को पढ़ाने के लिए ही योग्य शिक्षक नहीं है।.
कक्षा 9 में आटोमोबाइल, रिटेल ट्रेडिंग (खुदरा व्यापार), सुरक्षा और आईटी/आईटीईएस जैसे वैकल्पिक विषयों का लागू होना केवल सरकारी गजट एवं अखबारों तक सीमित है। ऐसे में इनका लागू होना किसी सरकारी घोषणा के ही समान है जिसका धरातल से कोई वास्ता नहीं।.
-रामजी सिंह, प्रधानाचार्य रानी रेवती देवी इंटर कॉलेज .
इलाहाबाद। आटोमोबाइल, रिटेल ट्रेडिंग (खुदरा व्यापार), सुरक्षा जैसे विषयों को 2018-19 सत्र से लागू करने के बाद यूपी बोर्ड 2019-20 सत्र से हेल्थकेयर कोर्स को शुरू करने की तैयारी में है। इसके लिए डॉक्टरों को बुलाकर कोर्स तैयार कराया जा रहा है। कक्षा 9 व 10 में वैकल्पिक विषयों के रूप में और कक्षा 11 व 12 में व्यवसायिक शिक्षा के रूप में इसे पढ़ाया जाएगा।.
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