लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने भविष्य को लेकर कई बार आन्दोलित हो चुके प्रदेश के एक लाख 70 हजार शिक्षामित्रों को बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लगभग 30 मिनट वार्ता हुई। एनेक्सी में शिक्षामित्रों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमण्डल ने अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री के सकारात्मक रुख के बाद अब शिक्षामित्रों में फिर बेहतर परिणाम की आस जगी है।
सीएम से मिला आश्वासन, शिक्षामित्रों ने किया आंदोलन स्थगित
• एनबीटी, लखनऊ : उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों को सीएम योगी अदित्यनाथ ने बुधवार को आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी मांगों का निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद मोर्चा के प्रदेश सह संयोजक अनिल कुमार यादव ने तीन महीने के लिए आन्दोलन स्थगित करने की घोषणा की।
मोर्चा सरंक्षक शिव कुमार शुक्ला के अनुसार शिक्षामित्रों की मांग है कि 9 अगस्त 2017 को पारित अधिनियम में वर्णित अधिकारों से शिक्षामित्रों को शामिल किया जाए और उत्तराखंड की तर्ज पर उन्हें 4 साल की छूट दी जाए ताकि वह न्यूनतम आर्हताएं हासिल कर सकें। प्रदेश में कार्यरत समस्त शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर दोबारा बहाल होने तक समान कार्य, समान वेतन का लाभ दिया जाए। साथ ही उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के आधार पर 12 माह 62 वर्ष तक सभी शिक्षामित्रों को स्थायित्व दिया जाए। वार्ता में मोर्चा के संरक्षक शिव कुमार शुक्ला, प्रदेश संयोजक गाजी इमाम आला और सह सहंयोजक अनिल कुमार यादव संग श्याम दुबे के साथ पुनीत चौधरी, रमेश चन्द्र मिश्र, श्रीराम द्विवेदी और विनोद वर्मा शामिल रहे।
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