DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, August 9, 2020

पीलीभीत : स्वर्गवासी गुरुजी का दो साल तक वेतन निकाले जाने के मामले की एडी बेसिक ने तलब की रिपोर्ट, पत्नी एटीएम से निकालती रहीं वेतन

पीलीभीत : स्वर्गवासी गुरुजी का दो साल तक वेतन निकाले जाने के मामले की एडी बेसिक ने तलब की रिपोर्ट, पत्नी एटीएम से निकालती रहीं वेतन।




----------- --------- ----------- ----------- ---------- -

पीलीभीत : बेसिक शिक्षा विभाग का कारनामा : स्वर्गवासी होने के बाद भी गुरुजी का दो साल तक निकलता रहा वेतन, इंक्रीमेंट भी लगाया,  मामले को दबाने में जुटे अधिकारी।


●  स्वर्गवासी होने के बाद भी गुरुजी का दो साल तक निकलता रहा वेतन, इंक्रीमेंट भी लग गया

● बिलसंडा के खंड शिक्षाधिकारी ने बीएसए को लिखा पत्र, अब मामले को दबाने में जुटे अधिकारी


पीलीभीत। बीएसए दफ्तर अक्सर अपने अजीबोगरीब कारनामों के लिए चर्चा में रहता है। पहले भी यहां फर्जीवाड़ा सामने आते रहे हैं। अब बीएसए दफ्तर में नया कारनामा सामने आया है। प्राथमिक स्कूल के शिक्षक की दो साल पहले मौत हो गई। मगर, उसका वेतन नवंबर 2018 तक निकलता रहा। इतना ही नहीं, बीएसए ने स्वर्गवासी गुरुजी का इंक्रीमेंट भी लगा दिया।


खंड शिक्षाधिकारी ने बीएसए को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी तो अब अधिकारी पूरे मामले को दबाने में लग गए। इससे बीएसए दफ्तर की आंख मूंदकर शिक्षकों की हाजिरी प्रमाणित करने की कार्यशैली भी उजागर हुई है। बिलसंडा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय हर्रायपुर में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत अरविंद कुमार का 22 मई 2016 को निधन हो गया। मगर, मौत के बाद भी मई 2016 से नवंबर 2018 तक उनका वेतन पहले की तरह ही न केवल खाते में पहुंचता रहा, बल्कि कुछ समय बाद स्वर्ग सिधार गए गुरुजी का बीएसए ने इंक्रीमेंट भी लगा दिया। कुछ समय पहले जब बिलसंडा के खंड शिक्षा अधिकारी को किसी दूसरे शिक्षक ने उस शिक्षक की मौत के बारे में जानकारी दी, तो वह चौंक गए। बिलसंडा के खंड शिक्षा अधिकारी ने 24 जुलाई को इस प्रकरण में बीएसए और वित्त लेखाधिकारी को एक पत्र लिखा। इसमें हर्रायपुर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक की मौत की जानकारी देते हुए दो साल का वेतन रिकवरी करने की बात कही गई। यह जानकारी होते ही बीएसए दफ्तर में हड़कंप मच गया। सूत्रों के अनुसार, बीएसए ने आनन-फानन में बिलसंडा खंड शिक्षा अधिकारी को अपने दफ्तर बुलाकर मामला और ज्यादा न खोलने पर बात कही.

मौत के बाद भी शिक्षक का वेतन लगातार निकलने का प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है, खंड शिक्षा अधिकारी से मामले की जानकारी कर जांच कराई जाएगी। अगर, इसमें किसी की लापरवाही सामने आई तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। - देवेंद्र स्वरूप, बीएसए

तो क्या स्वर्गवासी होने के बाद भी विद्यालय आते रहे गुरुजी!
सबसे बड़ी बात यह है कि जिन शिक्षक की चार साल पहले मौत हो गई, वो क्या वह स्वर्गवासी होने के बाद भी दो साल तक लगातार स्कूल आकर बच्चों को पढ़ाते रहे। अगर वह स्कूल नहीं आए तो उनकी उपस्थिति कैसे दर्शा दी गई। इन पर जांच कराने के बजाय बीएसए दफ्तर पूरे मामले पर परदा डालने में जुट गया है।

भूल मानकर मामला निपटाने में लगे अफसर
भले ही बेसिक शिक्षा विभाग से दिवंगत शिक्षक के खाते में वेतन गया हो। मगर, बीएसए और लेखा विभाग के जिम्मेदार अब उसे भूल मानकर निपटाने की तैयारी में लग गए हैं। नियमानुसार बीएसए दफ्तर के लेखा विभाग को जो वेतन बिल मिलता है, उसी के अनुसार वेतन जारी करते हैं। अब वर्तमान लेखाधिकारी का मानना है कि यह मामला उनके समय का नहीं है न ही उन्हें शिक्षक की मौत के बारे में कोई जानकारी थी। नीचे से वेतन बिल पास होकर आया और वेतन जारी हो गया।

उपस्थिति प्रमाणित होने पर ही मिलता है वेतन
वेतन के लिए एक स्कूल के सभी शिक्षकों से प्रारूप नौ पर महीने भर के हस्ताक्षर कराए जाते हैं उसी पर मेडिकल लीव, आकस्मिक अवकाश आदि भी दर्ज होता है। प्रधानाध्यापक इसे ब्लॉक संसाधन केंद्र भेज देते हैं। जहां पर खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा उनकी उपस्थिति को प्रमाणित कर आगे भेजा जाता है। फिर उसे बीएसए प्रमाणित करते हैं तब जाकर वेतन निकलता है। मगर, इस मामले में खंड शिक्षाधिकारी और बीएसए दोनों ही शिक्षक की मौत होने के बाद भी उपस्थिति प्रमाणित करते रहे।




साभार : अमर उजाला

No comments:
Write comments