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Tuesday, January 5, 2021

यूपी में 5000 हजार स्कूल बने स्मार्ट, हर स्कूल को मिलेगा टीवी, शिक्षा को रोजगार से जोड़ने के लिए होगा एमओयू

यूपी में 5000 हजार स्कूल बने स्मार्ट, हर स्कूल को मिलेगा टीवी

शिक्षा को रोजगार से जोड़ने के लिए होगा एमओयू, हर परिषदीय स्कूल को स्मार्ट बनाने की घोषणा

उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में डिजिटल लाइब्रेरी शुरू की गई है। शिक्षा को रोजगार के साथ जोड़ने के लिए लघु उद्योग विभाग व अन्य विभागों के साथ एमओयू भी किया जा रहा है। डा. शर्मा सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए बनी टॉस्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में नीति के क्रियान्वयन के लिए 150 पृष्ठ की संकलित रिपोर्ट भी रखी गई। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वंतत्र प्रभार) ने बताया कि हर स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाने की कार्ययोजना तैयार है। हर स्कूल को टीवी उपलब्ध कराया जाएगा।  5000 स्मार्ट स्कूल बन चुके हैं। दिसम्बर 2021 तक हर स्कूल का सुनियोजित विकास होगा। भविष्य में सभी विद्यार्थियों के प्रमाण-पत्रों को डिजी लॉकर में संयोजित करने पर काम किया जाएगा। 
 

विशेष आमंत्रित सदस्य  के तौर पर राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के अतुल कोठरी  ने कहा कि विद्यार्थियों को स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष में शोध का ज्ञान देना चाहिए। उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने प्रदेश में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स व भाषा केंद्रों की स्थापना, परम्पराएं एवं लोक कला व उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अभी तक हुई कार्रवाई का विवरण रखा।


उन्होंने बताया कि डिजिटल लाइब्रेरी के लिए जल्द ही नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया के साथ एम.ओ.यू. किया जाएगा। पहले फेज में स्नातक स्तर के मुख्य विषयों का पाठ्यक्रम तैयार है, ‘सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर लैंग्वेज’ की स्थापना वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में हो रही है। माध्यमिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने बताया कि सात वर्किंग ग्रुप काम कर रहे हैं।  स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने  बताया कि शिक्षकों की मदद के लिए आधारशिला ध्यानाकर्षण एवं शिक्षा संग्रह दिया गया है। प्रत्येक कक्षा में प्रिंट-रिच वातावरण के लिए वार्तालाप चार्ट, पोस्टर आदि लगाने की व्यवस्था की गई है।


उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत शिक्षा को रोजगार से जोड़ने के लिए एमएसएमई सहित अन्य विभागों से एमओयू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को निचले स्तर तक प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को भविष्य में उसका लाभ मिल सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स की सोमवार को विधानमंडल के कमरा नंबर 80 में आयोजित बैठक में शिक्षा नीति के तहत कमेटी के सदस्यों ने सुझाव दिए। बैठक में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा विभाग की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए तैयार 150 पेज की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।


बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परिषदीय स्कूलों में बहुत से कार्य संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के हर स्कूल को स्मार्ट बनाया जाएगा और एक-एक टीवी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पांच हजार स्कूल स्मार्ट बन चुके हैं। दिसंबर 2021 कर हर स्कूल का विकास किया जाएगा। उन्होने कहा कि भविष्य में सभी विद्यार्थियों के प्रमाण पत्रों को डिजिटल लॉकर में सुरक्षित रखा जाएगा।


टास्क फोर्स की बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के सचिव श्री अतुल कोठारी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश में अच्छा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को स्नातक स्तर के प्रथम वर्ष में शोध से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू करने चाहिए और उन्हें अपनी भाषा में शोध करने की अनुमति देनी चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए ईमानदारी से प्रयास कर समाज को इससे जोड़ना होगा और शैक्षिक वातावरण तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर मंथन के लिए शिक्षक, अधिकारी समाजिक संगठन एंव अभिभावकों, छात्रों की एक समिति बनाई जानी चाहिए।


उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस.गर्ग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए प्रक्रियात्मक ढ़ाचा, शिक्षा में तकनीक का प्रयोग, पाठ्यक्रम निर्माण कार्य, स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की संरचना, पाठ्यक्रम निधार्रण की समयावधि, कौशल विकास एवं व्यवासायिक शिक्षा के साथ समंवय, शोध एवं अनुसंधान, उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर, परम्पराएं, लोक कला तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में की गई कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया।


उन्होंने कहा कि शिक्षकों को शोध एवं अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट पॉलिसी घोषित की गई है। शोध के लिए राष्ट्रीय एवं वैश्विक प्राथमिकता के साथ समकालीन विषयों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना के तहत भाषा की अनेकता में एकता को ध्यान में रखते हुए वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्याल जौनपुर में सेंटर ऑफ  एक्सीलेंस फॉर लैंग्वेज की स्थापना  की जा रही है। यह सेंटर प्रदेश में भाषा केंद्रों की स्थापना, निगरानी, निरीक्षण एवं मूल्यांकन करेगा।


माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए प्रभावी कार्य किया जा रहा है। व्यवसायिक शिक्षा विभाग की ओर से भी बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन की योजना प्रस्तुत की गई। विभाग की ओर से शिक्षा को रोजगार से जोड़ने  केलिए प्रस्तुतीकरण दिया गया। स्कूल शिक्षा महानिदेशक की विजय किरण आनंद की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए योजना प्रस्तुत की।

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