आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को दाल की जगह मिलेगा काला चना, इन 38 जिलों में बंटेगा काला चना
बिना तैयारी शुरू की गई पोषाहार वितरण की नई व्यवस्था चार माह बाद भी पटरी पर नहीं आ पाई है। पोषाहार के लिए तय मीनू के मुताबिक आहार का वितरण नहीं हो पा रहा है। अब तक लाभार्थियों को न दाल मिल रही है और न ही घी की आपूर्ति शुरू हो पाई है। ऐसे में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) निदेशालय ने फिर पोषाहार आपूर्ति व्यवस्था में आंशिक बदलाव किया है।
आंशिक बदलाव के बाद अब शहरी क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाली गर्भवती, धात्री व किशोरियों को पोषाहार के रूप में दाल की जगह काला चना दिया जाएगा। जबकि छह माह से लेकर 6 साल के बच्चों व अति कुपोषित बच्चों को दाल ही दी जाएगी। फिलहाल यह व्यवस्था लखनऊ व अमेठी समेत 38 जिलों में शुरू की जाएगी। निदेशक आईसीडीएस डॉ. सारिका मोहन ने नैफेड के प्रबंध निदेशक को 38 जिलों के शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए काला चना उपलब्ध कराने का आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश एक महीने की आपूर्ति के लिए जारी किया गया है।
बता दें कि नई व्यवस्था में पोषाहार के मीनू में मोटे अनाज के साथ ही दाल और देशी घी देने का प्रावधान किया गया था। घी की आपूर्ति पीसीडीएफ को करना था और खाद्य एवं रसद विभाग को दाल उपलब्ध कराना था। लेकिन प्रादेशिक कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) ने घी की आपूर्ति करने से मना कर दिया है। जबकि दाल खरीदने के लिए सरकार के स्तर से 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर निर्धारित की गई है। जबकि बाजार में दाल की कीमत काफी अधिक है। इससे जिला कार्यक्रम अधिकारी दाल की खरीद नहीं कर पा रहे हैं। इन्हीं दिक्कतों से आपूर्ति व्यवस्था में आंशिक बदलाव किया गया है।
इन जिलों में बंटेगा काला चना
लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सीतापुर, वाराणसी, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, प्रयागराज, प्रतापगढ़, आजमगढ़, मऊ, बहराइच, बांदा, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, जालौन, झांसी, कानपुर नगर, कासगंज, कुशीनगर, औरैया, अलीगढ़, मैनपुरी, पीलीभीत, फतेहपुर, बदायूं, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ व हमीरपुर।
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