शिक्षामित्रों का मानदेय नहीं बढ़ेगा, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने विधान सभा में कहा, फिलहाल ऐसा विचार नहीं
लखनऊ। विधानसभा सत्र के छठे दिन शिक्षामित्रों को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने सपा विधायक द्वारा शिक्षामित्रों की तुलना पशु पालने वाले नौकर से किए जाने को शर्मनाक करार देते हुए कड़ी आपत्ति जताई।
मंत्री संदीप सिंह ने शिक्षा मित्रों के सम्मान और कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई और कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का फिलहाल कोई विचार नहीं है। विपक्ष को इस गलती के लिए शिक्षामित्रों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
शिक्षामित्रों को दें 40 हजार मानदेयः प्रतापगढ़ की रानीगंज विधानसभा से विधायक डॉ आरके वर्मा ने प्रश्न प्रहर में कहा कि शिक्षामित्रों को 40 हजार रुपये व अनुदेशकों को 30 हजार रुपये और रसोइयां को 20 हजार रुपये मानदेय दिया जाए। डॉ. वर्मा ने पूछा कि आप अपने नौकर को जो आपके कुत्तों की सैर करता है, उसे 30 हजार रुपये की तनख्वाह देते हो और जो शिक्षामित्र देश के नौनिहालों को देश का कर्णधार बनता है, उसे 10 हजार रुपये देते हैं। यह कहां का न्याय है।
उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत करते हुए 24 वर्ष से शिक्षामित्र प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम वेतन पर कार्य कर रहे हैं। महंगाई के दौर में कम वेतन पाने पर उनके परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। डा. वर्मा द्वारा शिक्षामित्रों की तुलना पशुओं को टहलाने वाले नौकर से किए जाने पर सत्तापक्ष ने शोर-शराबा शुरू कर दिया।
शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का कोई इरादा नहीं; संविदा कर्मी का मानदेय 20 हजार रुपए किए जाने की बजट घोषणा के बीच शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के विषय में ठोस जवाब नहीं दे पाए बेसिक शिक्षा मंत्री
22 फरवरी 2025
बजट सत्र के दौरान सपा MLC डॉ. मान सिंह के सवाल का जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षा मित्रों का वेतन बढ़ाए जाने का कोई इरादा नहीं है। संदीप सिंह ने कहा शिक्षा मित्र मानदेय आधारित संविदा कर्मी हैं।
वहीं ध्रुव कुमार ने पूछा कि संविदा कर्मी का मानदेय 20 हजार रुपए किए जाने की घोषणा बजट में की गई है। शिक्षा मित्र को भी 20 हजार मिलेगा या नहीं? इस पर मंत्री ठोस जवाब नहीं पाए।
No comments:
Write comments