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Tuesday, September 2, 2025

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में चल रहे खान एकेडमी के गणित सुधार कार्यक्रम में व्यावहारिक दिक्कतें, समस्याओं को लेकर समाधान की मांग

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में चल रहे खान एकेडमी के गणित सुधार कार्यक्रम में व्यावहारिक दिक्कतें, समस्याओं को लेकर समाधान की मांग

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विभागीय समिति बनाने की मांग

कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए चलाए जा कार्यक्रम


 लखनऊ : प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए चलाए जा रहे गणित सुधार कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों को धरातल पर कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। राजकीय शिक्षक संघ ने अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा (माध्यमिक) को पत्र लिखकर इन समस्याओं के समाधान के लिए विभागीय समिति गठित करने की मांग की है।


संघ शिक्षक का कहना है कि अधिकांश छात्र-छात्राओं के पास अपना मोबाइल फोन नहीं है। ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आने वाले इन बच्चों के अभिभावक मजदूरी के लिए जाते समय फोन अपने साथ ले जाते हैं। कई अभिभावकों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में छात्र इस कार्यक्रम का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। 


शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भड़ाना का कहना है कि खान अकेडमी का एप छात्रों के लिए जटिल है। बार-बार लागिन आइडी और पासवर्ड डालने की समस्या उन्हें हतोत्साहित करती है। वेबसाइट पर मौजूद सामग्री छात्रों को प्रभावशाली और पाठ्यक्रम स्तर के अनुरूप नहीं लगती। इसी कारण वे उत्साह से इसमें भाग नहीं लेते। 


संघ ने सुझाव दिया है कि इस कार्यक्रम को छात्रों के लिए सरल, रोचक और वैकल्पिक बनाया जाए, ताकि उन पर दबाव न पड़े। संघ ने मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों के गणित और विज्ञान शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों को शामिल करते हुए प्रदेश स्तर पर एक समिति बनाई जाए, जो जमीनी कठिनाइयों का अध्ययन कर समाधान प्रस्तुत करे। 

Sunday, August 24, 2025

राजकीय इंटर कालेजों को पदोन्नति कोटे से जल्द मिलेंगे स्थायी प्रधानाचार्य

राजकीय इंटर कालेजों को पदोन्नति कोटे से जल्द मिलेंगे स्थायी प्रधानाचार्य


लखनऊः प्रदेश के राजकीय इंटर कालेजों में लंबे समय से रुकी प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया अब शुरू होने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पदोन्नति का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। शासन की मंजूरी के बाद इसे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जाएगा। पहले चरण में पदोन्नति के जरिये करीब 300 पदों पर स्थायी प्रधानाचार्यों की नियुक्ति होगी।


प्रदेश में कुल 2,441 राजकीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें 1,486 हाईस्कूल और 955 इंटर कालेज शामिल हैं। नियमों के अनुसार प्रधानाचार्य पद के 50% पद सीधी भर्ती से और शेष 50% पद पदोन्नति से भरे जाते हैं। सीधी भर्ती से प्रधानाचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया चलती रही है, लेकिन वर्ष 2018 से पदोन्नति प्रक्रिया ठप पड़ी थी। इस कारण 462 इंटर कालेजों में अभी कार्यवाहक प्रधानाचार्य कार्यरत हैं।

 पदोन्नति कोटे में राजकीय कालेजों के वरिष्ठ शिक्षकों और खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को अवसर दिया जाता है। फिलहाल 300 रिक्त पदों पर केवल वरिष्ठ शिक्षक प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नत किए जाएंगे जबकि बीईओ के लिए अलग से प्रक्रिया चलाई जाएगी।


 नई नियमावली के तहत पदोन्नति कोटे में 33 प्रतिशत पद पुरुष और 33 प्रतिशत पद महिला शिक्षकों के लिए आरक्षित रहेंगे। बीईओ कोटे का हिस्सा 34% तय किया गया है। उधर, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भड़ाना ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों का कोटा कम किए जाने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि पहले पदोन्नति कोटे में 83% शिक्षकों को मौका मिलता था, लेकिन नए नियमों से उनका अवसर घट गया है। बाकी हिस्सेदारी बीईओ को दी गई है।

Tuesday, August 19, 2025

पुरानी रिक्तियों पर संशोधित नियमावली से BEO की पदोन्नति का शिक्षक संघ करेगा विरोध

पुरानी रिक्तियों पर संशोधित नियमावली से BEO की पदोन्नति का शिक्षक संघ करेगा विरोध

1992 की पदोन्नति नियमावली से शैक्षिक सामान्य शिक्षा संवर्ग (समूह ख) पदों पर पदोन्नति की मांग


प्रयागराज : शैक्षिक सामान्य शिक्षा संवर्ग (समूह ख) पदों पर पदोन्नति के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा अधीनस्थ राजपत्रित शिक्षक (पुरुष/महिला) तथा निरीक्षण शाखा (खंड शिक्षा अधिकारी) की मांगी गई गोपनीय आख्या पर राजकीय शिक्षक संघ सतर्क हो गया है। 


अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा को पत्र लिखकर मांग की गई है कि उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) पंचम संशोधन नियमावली 2025 द्वारा परिवर्तित किए गए पदोन्नति कोटे के बजाय पूर्व में स्थापित 1992 की नियमावली के तहत पदोन्नति दी जाए, क्योंकि पदोन्नति के रिक्त पद संशोधित की गई नियमावली से पहले के हैं।


भेजे पत्र में राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय एवं प्रांतीय महामंत्री सत्यशंकर मिश्र ने बताया है कि शैक्षिक सामान्य शिक्षा संवर्ग के समूह ख (क्लास-2) के पदों पर पदोन्नति के लिए 14 जुलाई 2025 को नियमावली में किए गए संशोधन में पदोन्नति कोटा क्रमशः 33 प्रतिशत पुरुष/33 प्रतिशत महिला (अधीनस्थ राजपत्रित) / 34 प्रतिशत निरीक्षण शाखा का निर्धारित किया गया है।


 इसके पहले वर्ष 1992 की स्थापित पदोन्नति नियमावली में यह कोटा 61 प्रतिशत पुरुष / 22 प्रतिशत महिला/17 प्रतिशत निरीक्षण शाखा (डीआइ) निर्धारित था। अब जो पदोन्नति माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा होने जा रही वह रिक्तियां वर्ष 2014-15 लेकर 2024-25 तक की हैं, ऐसे में पूर्व के रिक्त पदों पर नए संशोधन नियमावली द्वारा निर्धारित कोटे से पदोन्नति नहीं हो सकती। 


इसे नियम विरुद्ध बताते हुए पुरानी नियमावली के अनुसार पदोन्नति किए जाने की मांग की गई है। साथ ही कहा है कि यदि संशोधन पदोन्नति कोटा नियमावली के अनुसार प्रोन्नति की गई तो राजकीय शिक्षक संघ इसका विरोध करेगा और हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेगा।

Wednesday, August 6, 2025

निरीक्षण संवर्ग (BEO) का पदोन्नति कोटा बढ़ाने पर राजकीय शिक्षकों को आपत्ति, पक्ष सुने जाने के लिए शिक्षक संघ ने सीएम योगी को भेजा पत्र

निरीक्षण संवर्ग (BEO) का पदोन्नति कोटा बढ़ाने पर राजकीय शिक्षकों को आपत्ति, पक्ष सुने जाने के लिए शिक्षक संघ ने सीएम योगी को भेजा पत्र


प्रयागराजः उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा नियमावली में पंचम संशोधन के माध्यम से निरीक्षण संवर्ग का पदोन्नति कोटा 17 से बढ़ाकर 34 प्रतिशत किए जाने के संबंध में राजकीय शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। बताया है कि इसमें बीएसए, सह जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य जीआइसी जीजीआइसी व अन्य समकक्ष पदों के कुल सृजित पदों में 50 प्रतिशत पदोन्नति कोटे के अंतर्गत जिस तरह कोटा विभाजन संशोधित किया गया है, वह राजकीय शिक्षकों में हितों के विरुद्ध है। मांग की है कि उनके हितों की रक्षा के लिए सदन के पटल पर चर्चा की जाए, साथ ही उच्चस्तरीय समिति गठित कर राजकीय शिक्षकों का पक्ष सुना जाए। उसके बाद पदोन्नति की जाए।


पत्र में शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय एवं कार्यकारी महामंत्री अरुण यादव ने बताया है कि शिक्षण कैडर के पुरुष शाखा के प्रधानाध्यापकों के पद 768 हैं तथा महिला शाखा में यह पद 804 हैं। दोनों वर्गों का कोटा 33-33 प्रतिशत है, जबकि निरीक्षण कैडर में कम वेतनक्रम के खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) पदों की संख्या 1031 है और कोटा 34 प्रतिशत है, जो पहले 17 प्रतिशत था। निरीक्षण कैडर में पदोन्नति के लिए सभी स्तर के हितधारकों की संख्या 1031 है, जबकि शिक्षण कैडर में यह संख्या करीब 31,000 है। 


किसी कैडर के एक स्तर पर सीधी भर्ती का पद 50 प्रतिशत तथा पदोन्नति कोटा 50 प्रतिशत होता है। इसके अलावा दोनों कैडर को मिलाने से पदोन्नति व्यवस्था से राजकीय शिक्षकों का बड़ा नुकसान है। यदि दोनों कैडर मिलाकर पदोन्नति व्यवस्था अपरिहार्य है तो बीईओ पदों का आमेलन शैक्षिक कैडर के प्रवक्ता पद के सापेक्ष कर बीईओ के 50 प्रतिशत पदों पर एलटी ग्रेड (महिला/पुरुष) अध्यापकों की पदोन्नति की जाए।

Friday, July 18, 2025

न्यायालय से स्थगन आदेश हटने के बाद अब GIC के सहायक अध्यापक (एलटी) से प्रवक्ता के रिक्त पदों पर पदोन्नति का रास्ता साफ

न्यायालय से स्थगन आदेश हटने के बाद अब GIC के सहायक अध्यापक (एलटी) से प्रवक्ता के रिक्त पदों पर पदोन्नति का रास्ता साफ

प्रवक्ता पद पर पदोन्नति प्रक्रिया आरंभ होने से दूर होगी पात्र शिक्षकों की नाराजगी

एडी राजकीय ने 2001 से 2019 तक की अनंतिम ज्येष्ठता सूची में मांगीं आपत्तियां


प्रयागराज : न्यायालय से स्थगन आदेश हट जाने के बाद अब जीआइसी के सहायक अध्यापक (एलटी) से प्रवक्ता के रिक्त पदों पर पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। प्रवक्ता के 10 विषयों में पिछले 15 वर्ष से पदोन्नति नहीं हुई है। इसके अलावा जिन नौ विषयों में करीब तीन वर्ष पूर्व 994 शिक्षकों को पदोन्नति मिली थी, उसमें से अधिकांश ने सेवा कम रह जाने तथा पदस्थापन दूर हो जाने के कारण कार्यभार ग्रहण नहीं किया। ऐसे में यह पद भी रिक्त रह गए। 

अब अपर शिक्षा निदेशक (एडी) राजकीय अजय कुमार द्विवेदी द्वारा पुरुष शाखा के एलटी की वर्ष 2001 से 2019 तक की प्रसारित अनंतिम ज्येष्ठता सूची में नई आपत्तियां मांगे जाने पर शिक्षकों को पदोन्नति मिलने की उम्मीद जगी है। शिक्षकों ने मांग की है कि पदोन्नति कोटे के रिक्त सभी पढ़ेंों पर जल्द पदोन्नति प्रक्रिया पूरी की जाए।

प्रवक्ता पद पर पदोन्नति 2009 में सभी विषयों के लिए हुई थी। उसके बाद 2022 में पदोन्नति प्रक्रिया शुरू तो हुई, लेकिन 10 विषयों के 1,031 शिक्षकों को पदोन्नति नहीं मिल सकी। इन शिक्षकों के साथ-साथ सीधी भर्ती के प्रवक्ता के रिक्त अन्य पदों पर भी पदोन्नति दिए जाने की मांग राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री डा. रविभूषण ने अपर निदेशक से की है। 


इधर, अपर निदेशक ने सभी जेडी एवं डीआइओएस को भेजे पत्र में कहा है कि 16 जून, 2022 द्वारा निर्गत अनंतिम ज्येष्ठता सूची में सम्मिलित शिक्षकों के विवरण के संबंध में प्राप्त प्रत्यावेदनों के आधार पर शुद्ध कर ज्येष्ठता सूची में संशोधन किया गया, लेकिन ज्येष्ठता सूची प्रसारित नहीं की जा सकी। इस बीच मामला न्यायालय पहुंच गया। याचिका में पारित 24 अप्रैल, 2025 के न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अंतिम ज्येष्ठता सूची प्रसारित की जानी है। ऐसे में मंडल/जनपद में कार्यरत एलटी पुरुष संवर्ग के ज्येष्ठता प्रकरण में कोई नई आपत्ति होने पर प्रत्यावेदन लेकर संशोधन से संबंधित अभिलेख संस्तुति सहित पंजीकृत डाक/विशेष वाहक से 30 जुलाई तक निदेशालय में उपलब्ध कराने के निर्देश जेडी डीआइओएस को दिए गए हैं। 

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पाण्डेय ने कहा है कि अधिकारियों की ढिलाई के कारण ज्येष्ठता नियमित निर्धारित नहीं होने से शिक्षकों को पदलाभ का नुकसान है। उन्होंने प्रतिवर्ष ज्येष्ठता सूची प्रसारित किए जाने की मांग की है, ताकि नियमित पदोन्नति मिल सके।


Thursday, July 17, 2025

राजकीय इंटर कालेजों में प्रयोगशालाएं ही नहीं , 2006 स्कूलों में ICT लैब नहीं

राजकीय इंटर कालेजों में प्रयोगशालाएं ही नहीं , 2006 स्कूलों में ICT लैब नहीं
 
1172 इंटर कॉलेजों में से 493 में नहीं है जीव विज्ञान की प्रयोगशाला


प्रयागराज। कुल 2841 माध्यमिक और इंटर कॉलेजों में से 2006 स्कूलों में आईसीटी लैब नहीं हैं जबकि 2087 स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम नहीं हैं। इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया गया कि वे इन सुविधाओं की उपलब्धता की कमी का आकलन करें। इनके लिए भी पूरक प्रस्ताव दे सकते हैं।


प्रयागराज । प्रदेश के सैकड़ों राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रयोगशालाएं ही नहीं है। इस कारण छात्र-छात्राओं के व्यावहारिक ज्ञान में बाधा आ रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में समग्र शिक्षा अभियान 2025-26 के लिए नौ अप्रैल को आयोजित प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक में भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान की प्रयोगशालाओं की कमी पर चिंता व्यक्त की गई।

रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के 1172 राजकीय इंटर कॉलेजों में से 457 स्कूलों में भौतिकी, 453 में रसायन विज्ञान जबकि 493 स्कूलों में जीव विज्ञान की प्रयोगशाला नहीं है। शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव ने स्कूलों में प्रयोगशालाओं के महत्व को रेखांकित किया। राज्य सरकार से अनुरोध किया गया कि प्रयोगशालाओं की उपलब्धता की कमी को दूर करें। प्रयोगशालाओं के लिए पूरक प्रस्ताव भी मांगा गया है।