राजकीय इंटर कालेजों को पदोन्नति कोटे से जल्द मिलेंगे स्थायी प्रधानाचार्य
लखनऊः प्रदेश के राजकीय इंटर कालेजों में लंबे समय से रुकी प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया अब शुरू होने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पदोन्नति का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। शासन की मंजूरी के बाद इसे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जाएगा। पहले चरण में पदोन्नति के जरिये करीब 300 पदों पर स्थायी प्रधानाचार्यों की नियुक्ति होगी।
प्रदेश में कुल 2,441 राजकीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें 1,486 हाईस्कूल और 955 इंटर कालेज शामिल हैं। नियमों के अनुसार प्रधानाचार्य पद के 50% पद सीधी भर्ती से और शेष 50% पद पदोन्नति से भरे जाते हैं। सीधी भर्ती से प्रधानाचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया चलती रही है, लेकिन वर्ष 2018 से पदोन्नति प्रक्रिया ठप पड़ी थी। इस कारण 462 इंटर कालेजों में अभी कार्यवाहक प्रधानाचार्य कार्यरत हैं।
पदोन्नति कोटे में राजकीय कालेजों के वरिष्ठ शिक्षकों और खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को अवसर दिया जाता है। फिलहाल 300 रिक्त पदों पर केवल वरिष्ठ शिक्षक प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नत किए जाएंगे जबकि बीईओ के लिए अलग से प्रक्रिया चलाई जाएगी।
नई नियमावली के तहत पदोन्नति कोटे में 33 प्रतिशत पद पुरुष और 33 प्रतिशत पद महिला शिक्षकों के लिए आरक्षित रहेंगे। बीईओ कोटे का हिस्सा 34% तय किया गया है। उधर, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भड़ाना ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों का कोटा कम किए जाने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि पहले पदोन्नति कोटे में 83% शिक्षकों को मौका मिलता था, लेकिन नए नियमों से उनका अवसर घट गया है। बाकी हिस्सेदारी बीईओ को दी गई है।
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