अब भी जिले में चाहिए 6400 प्राथमिक शिक्षक
शिक्षामित्र बहाल हुए तो सुधरेगी जनपद की बुनियादी शिक्षा
अमर उजाला ब्यूरो
बहराइच। जिले के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। अभी कम से कम 6400 शिक्षक चाहिए, तब बुनियादी शिक्षा पटरी पर आएगी। शिक्षकों की कमी के बीच हाईकोर्ट के फैसले से समायोजित हुए 2537 सीटें भी खाली हो गई थी। इससे शिक्षकों का संकट उत्पन्न हो गया था। लेकिन सुप्रीमकोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के फैसले पर दिए गए स्थगनआदेश के बाद जिले की बुनियादी शिक्षा के कुछ पटरी पर लौटने की गुंजाइश बढ़ी है। वहीं सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से शिक्षामित्र गदगद हैं। अधिकारी भी मान रहे हैं कि शिक्षामित्रों की नौकरी पर संकट आने के बाद शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई थी। उनके फिर बहाल होने से व्यवस्था और दुरुस्त होगी।
जिले के 14 विकास खंडों में 2423 प्राथमिक विद्यालय हैं। इन प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या लगभग 4.70 लाख के आसपास है। छात्रों के सापेक्ष जिले में 10500 शिक्षकों की जरूरत है। लेकिन वर्तमान समय मं सिर्फ 1200 हेडमास्टर और 2900 सहायक अध्यापकों के भरोसे बुनियादी शिक्षा घिसट रही है। पढ़ाई की सिर्फ औपचारिकताएं निभाई जा रही है। गौरतलब हो कि जिले के प्राथमिक विद्यालयों में 3735 शिक्षामित्रों की तैनाती थी। इनमें से नौकरी छोड़ने और विभिन्न कारणों से हटाए जाने के बाद 3600 शिक्षामित्र बचे थे। इनमें से 2537 शिक्षामित्रों को प्रदेश सरकार की नीति के तहत प्रथम व द्वितीय चरण में सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया था।
शेष शिक्षामित्र समायोजन का इंतजार कर रहे थे। लेकिन हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध करार देते हुए नियुक्ति को रद्द कर दिया था। इसके बाद ऊहापोह की स्थिति बन गई थी। समायोजित शिक्षक स्कूल तो जा रहे थे। लेकिन उनका भविष्य क्या होगा, नहीं जानते थे। सोमवार को सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्थगन आदेश पारित किया तब शिक्षामित्रों में नौकरी की आस बंधी है।
शासन व कोर्ट के आदेश का होगा अनुपालन : बीएसए
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अमरकांत सिंह का कहना है कि न्यायालय के फैसले का समाचार तो पढ़ा है। लेकिन अभी सरकार का कोई आदेश नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कोर्ट या शासन का जो भी आदेश होगा, उसका अनुपालन कराया जाएगा। नि:संदेह शिक्षामित्रों के बहाल होने से शिक्षा के स्तर में सुधार दिखेगा।
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