DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Sunday, November 2, 2025

टीईटी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पांच राज्य, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, केरल, मेघालय और उत्तराखंड ने लगाई गुहार, आरटीई लागू होने के पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए पुनर्विचार याचिका

टीईटी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पांच राज्य, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, केरल, मेघालय और उत्तराखंड ने लगाई गुहार, आरटीई लागू होने के पूर्व नियुक्त शिक्षकों के लिए पुनर्विचार याचिका


शीर्ष कोर्ट ने एक सितंबर को सभी शिक्षकों के लिए किया था अनिवार्य


प्रयागराज । कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट केएक नवंबर के आदेश के बादसे देशभर के शिक्षक असहज हैं। इस मामले में दो महीने के अंदर उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल कर निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 लागू होने सेपूर्वनियुक्त शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखने की गुहार लगाई है।


उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, केरल, मेघालय और उत्तराखंड सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं में आरटीई एक्ट का प्रभाव प्रत्येक राज्य की अधिसूचना तिथि से मानने का अनुरोध किया है। 23 अगस्त 2010 से पूर्व विज्ञापित भर्तियां राष्ट्रीय अध्यापकशिक्षा परिषद (एनसीटीई) अधिसूचना के अनुसार वैध मानी जाएं। पहले से कार्यरत शिक्षकों पर टीईटी को लागू करना संविधान के विरुद्ध है। 

सर्वोच्च न्यायालय ने सेवा में बने रहने और पदोन्नति के लिए सभी शिक्षकों के लिए टीईटी को अनिवार्य माना है। सेवा में बने रहनेकेलिएदो वर्ष के अंदर टीईटी उत्तीर्ण करनेके आदेश दिए हैं। पदोन्नति के लिए उससंवर्ग की टीईटी को अनिवार्य बताया है। केवल उन्हीं शिक्षकों को राहत दी है जिनकी पांच वर्ष से कम की सेवा बाकी है। हालांकि इनके लिए भी पदोन्नति में टीईटी अनिवार्य है। इस आदेश के बाद से ही देशभर के शिक्षक आंदोलित हैं।


एक अप्रैल 2010 से पूरे देश में लागू हुआ आरटीई

पूरे देश में आरटीई एक अप्रैल 2010 को लागू हुई। यह 6 से 14 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है। शिक्षक नियुक्ति से संबंधित योग्यता तय करने का अधिकार एनसीटीई को दिया गया है


राज्यों ने अलग-अलग तिथियों पर किया लागू

उत्तर प्रदेशः 27 जुलाई 2011
तेलंगाना (तत्कालीन आंध्र प्रदेश): 29 जुलाई 2011
केरल: 28 अप्रैल 2011
मेघालय: 1 मई 2011
उत्तराखंडः 18 जुलाई 2011

No comments:
Write comments