👉 कक्षा एक में सरकारी स्कूल में 30 सीटें भर गईं तो निजी स्कूल में मिलेगा दाखिला
👉 अबकी नर्सरी में भी देना होगा दाखिला
यह हैं पात्र
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में निश्शुल्क दाखिला पाने के लिए बीपीएल कार्ड धारक, वृद्धावस्था पेंशन धारक और ऐसे परिवार जिनकी आय एक लाख रुपये से कम हो। वहीं दिव्यांग अभिभावकों के बच्चे, एडस व कैंसर पीड़ित परिवार के बच्चे तथा एससी-एसटी और ओबीसी के विद्यार्थी पात्र होंगे।
यह प्रमाणपत्र हैं जरूरी
अभिभावक को अपने बच्चे के दाखिले के लिए जन्म प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र और आय प्रमाणपत्र लगाना होगा। एक लाख रुपये से कम आय का प्रमाणपत्र बनवाना होगा और अगर वह बीपीएल कार्ड धारक है तो उसकी फोटो कापी लगानी होगी। जन्म प्रमाणपत्र नहीं बना है तो अभिभावक कचहरी से एक शपथपत्र बनवाकर लगाना होगा।
लखनऊ : राजधानी में निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत दाखिले के लिए अभी तक करीब 700 आवेदन आ चुके हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय में अभी तक हुए सत्यापन के बाद करीब 421 बच्चे दाखिले के पात्र पाए गए हैं।
इस बार निजी स्कूलों को नर्सरी कक्षा में भी आरटीई के तहत निश्शुल्क दाखिला देना होगा। वहीं अगर कक्षा एक में सरकारी प्राइमरी स्कूल में 30 सीटें भर जाती हैं तो आरटीई के तहत गरीब बच्चे को निजी स्कूल में कक्षा एक में दाखिला देने का प्रावधान है। ऐसे में एक किलोमीटर के दायरे में सरकारी स्कूल अगर है भी तो इस दशा में निजी स्कूल में दाखिला दिया जा सकता है।
बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक 700 आवेदन फॉर्म आए हैं। 21 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें सत्यापन के बाद निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जबकि करीब 400 विद्यार्थी और पात्र पाए गए हैं जिनकी सूची बीएसए कार्यालय में लगभग तैयार है। इन्हें भी दाखिले के लिए जल्द भेजा जाएगा। ऐसे में इस बार पिछले वर्ष की तुलना में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में अधिक दाखिले होने की उम्मीद है।
बीएसए ने बताया कि पिछले साल करीब 2019 आवेदन आए थे और इसमें से 679 बच्चे पात्र पाए गए थे। हलांकि राजधानी में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में निश्शुल्क दाखिले के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों की संख्या करीब 25 हजार है। ऐसे में पिछली बार करीब 2.7 प्रतिशत सीटें ही भर पाईं थी। इस बार उम्मीद है कि सीटें ज्यादा भरेंगी। मगर जागरूकता अधिक न होने के कारण निर्धारित सीटों की संख्या से काफी कम सीटें ही भर पा रही है। अभिभावक इसके लिए बीएसए कार्यालय में आकर आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। वहीं बीएसए की वेबसाइट पर भी जाकर फॉर्म का प्रिंटआउट निकाल सकते हैं। फिलहाल निजी स्कूलों को एक गरीब बच्चे को पढ़ाने का सरकार 450 रुपये महीना फीस देती है। निजी स्कूल फिलहाल आसानी से दाखिला लेने को तैयार नहीं होते।
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