जासं, बदायूं : जहां एक ओर शिक्षक-शिक्षिकाओं की कड़ी मशक्कत के बाद प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के खिलाड़ियों ने मंडल पर जिले का नाम रोशन किया और स्टेट की प्रतियोगिता में भी मेडल झटके, वहीं उन्हें ऊंचाईयां दिलाने वाले खेल शिक्षकों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। खिलाड़ियों को इधर से उधर ले जाने व उनके खाने-पीने में खर्च हुआ बजट उन्हें नहीं दिया जा रहा है। उन्हें रोज ही चक्कर लगवाए जा रहे हैं। इसके अलावा खेलों के आयोजन में दुकानदारों की उधारी की वजह से वह भी बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। शनिवार को एक ब्लॉक के खेल शिक्षकों के शिकायत दर्ज कराने पर बीएसए ने जल्द ही भुगतान कराए जाने का आश्वासन दिया।जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए शासन से प्राप्त हुए नब्बे हजार रुपये के बजट के सापेक्ष लगभग चार लाख रुपये खर्च कर दिए गए। जिसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है। बेशक आयोजन की तारीफ पूरे मंडल में हुई थी, लेकिन भविष्य की दिक्कतों के बारे में नहीं सोचा गया। मुख्यालय पर पुलिस परेड ग्राउंड में हुई प्रतियोगिताओं तक बच्चों को लाने, ले जाने के लिए खेल शिक्षकों ने अपने पास से धनराशि खर्च की थी, जिन्हें बाद में भुगतान कर देने का आश्वासन भी दिया गया। जिसके बाद शाहजहांपुर में मंडल व लखनऊ में स्टेट की प्रतियोगिता भी हो गई, लेकिन भुगतान नहीं हुआ। साथ ही प्रतियोगिता के दौरान उधार मंगाए गए सामान का भी भुगतान नहीं किया गया। वह लोग परेशान होकर बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। बीएसए ने बताया कि सामान मुहैया कराने वाले ज्यादातर लोगों का भुगतान कर दिया गया है, शेष का भुगतान भी धीरे-धीरे कर दिया जाएगा। खेल शिक्षकों के बकाया की जानकारी खंड शिक्षा अधिकारियों से मांगी गई है।
No comments:
Write comments