गांव से लेकर कस्बों तक छोटे-छोटे स्कूल खुल गए हैं, बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में आने के स्थान पर उन स्कूलों में जाने लगते हैं, जिससे लक्ष्य घटा है, हालांकि पिछले साल की तुलना में इस साल संख्या में कमी नहीं है। मकसद वास्तविक संख्या के आधार पर लक्ष्य बनाना है।- आनंद कुमार सिंह, निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार
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