शहर के कई निजी स्कूल बुक बैंक खोलने की तैयारी में हैं। इसके जरिए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को मुफ्त में किताबें दी जाएंगी। इसके लिए कई स्कूलों ने पैरंट्स को सर्कुलर जारी कर अपील किया है कि वे बच्चों की पुरानी किताबें बुक बैंक में जमा करवा सकते हैं। ज्यादातर स्कूलों के प्रबंधन के मुताबिक, बुक बैंक सफल रहा तो अगले सत्र से यूनिफॉर्म बैंक भी खोलेंगे।
राइट टु एजुकेशन (आरटीई) के तहत स्कूलों को नर्सरी और पहली क्लास में मुफ्त दाखिले के साथ बच्चे को मुफ्त किताबें भी देनी होती हैं। फीस के तौर पर स्कूलों को शासन से हर महीने 450 रुपये प्रति स्टूडेंट मिलता है, लेकिन किताबों के मद में कोई भुगतान नहीं होता। नर्सरी और पहली क्लास में किताबों का खर्च अमूमन दो हजार रुपये होता है, जबकि ड्रेस का दोनों सेट में तीन हजार का खर्च आता है। इसी कारण कई बच्चे या एनजीओ पर निर्भर हैं या उनके पैरंट्स को महंगी किताबें खरीदनी पड़ती हैं। इनकी मदद के लिए निजी स्कूल बुक बैंक खोलने जा रहे हैं, जबकि रानी लक्ष्मी बाई (आरएलबी) स्कूल की कई शाखाओं में ये बैंक पहले से हैं।
सिलेबस से नो-प्रॉब्लम
बुक बैंक की पहल के बीच सवाल यह भी है कि स्कूलों में लगभग हर साल किताबें बदल जाती हैं। ऐसे में बैंक किस काम का/ इस पर स्कूलों संचालकों का कहना है कि सिलेबस अपडेट होने पर कुछ ही किताबें बदलती हैं। वह भी तीन-चार साल में। ऐसे में सिलेबस अपडेट होने पर कुछ ही किताबें खरीदनी होंगी।
मुफ्त दाखिले तो गिने-चुने
निजी स्कूल भले आरटीई के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों की मदद के लिए बुक बैंक बनाएं, लेकिन सच्चाई कुछ और है। इन स्कूलों में गिने-चुने बच्चों को ही मुफ्त दाखिले मिले हैं। किसी भी स्कूल ने आदेश के बाद भी आरटीई के लिए प्रचार-प्रसार की कोशिश तक नहीं की। इस कारण आवेदन भी कम आए।
लखनऊ: निजी स्कूलों में नया सत्र शुरू होने के बीच बुक शॉप पर किताबों की किल्लत बढ़ गई है। लॉरेटो, लामार्ट, सेंट फ्रांसिस कॉलेज सहित कई स्कूलों की किताबें किसी बुक शॉप में नहीं मिल रहीं।
लॉरेटो कॉन्वेंट की जूनियर सेक्शन की किताब 'वेजेटेबल्स', लामार्ट बॉयज कॉलेज की किताब 'ऐंड दि स्ट्रेस' और सेंट फ्रांसिस कॉलेज की किताब 'राइम्स' और 'रिद्मस टू' सहित कई किताबें किसी बुक स्टॉल पर नहीं हैं। राजाजीपुरम निवासी मेराज अब्बास ने बताया कि लॉरेटो में पढ़ रहीं उनकी तीन बेटियों की किताबों के लिए चार बार बुक स्टॉल के चक्कर लगा चुकी हैं, लेकिन सारी किताबें मिल नहीं रही हैं। यूनिवर्सल बुक शॉप के मालिक चंद्र प्रकाश के मुताबिक मंगलवार तक किताबें आ जाएंगी। एक साथ सभी पैरंट्स के किताबें खरीदने पर स्टॉक कम हो गया।
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