परिषदीय शिक्षकों की उपस्थिति की गाइडलाइन जल्द, हाईकोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट निर्देश पर के अफसर हुए सक्रिय
30 अक्तूबर को अगली सुनवाई से पूर्व जारी हो सकता है निर्देश
प्रयागराज। प्रदेशभर के एक लाख से अधिक परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर जल्द विस्तृत गाइडलाइन जारी हो सकती है। इस संबंध में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर सक्रिय हो गए हैं और 30 अक्तूबर को अगली सुनवाई से पहले दिशा-निर्देश जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
कंपोजिट स्कूल तिंदवारी बांदा की प्रधानाध्यापिका इंदिरा देवी की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा व अन्य अधिकारियों को परिषदीय स्कूलों में अध्यापकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने स्कूलों में अध्यापकों की डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था करने और जिला एवं ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स गठित को कहा था ताकि शिक्षकों की स्कूलों में उपस्थिति सुनिश्चित हो सके।
हाईकोर्ट ने कहा था कि शिक्षकों की गैरमौजूदगी से बच्चों के निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून (आरटीई) 2009 का उल्लंघन हो रहा है। गरीब बच्चों के शिक्षा पाने के मौलिक अधिकारों का भी हनन हो रहा है। वैसे तो बेसिक शिक्षा विभाग ने टैबलेट के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की व्यवस्था की है, लेकिन इसमें कोई रुचि नहीं लेता।
समग्र शिक्षा अभियान की ओर से पिछले दिनों जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेशभर परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा एक से आठ तक के 1,28,98,383 छात्र-छात्राओं में से 21,65,138 (16.79 प्रतिशत) की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की गई थी। वहीं 1,32,643 स्कूलों के 6,12,642 शिक्षकों में से 100 से भी कम शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति दी थी।
शासन स्तर से शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य नहीं होने के कारण मात्र 0.01 प्रतिशत शिक्षक ही दर्ज करा रहे उपस्थिति, हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान तलब की थी उपस्थिति रिपोर्ट
प्रयागराज : बेसिक स्कूलों का पठन-पाठन सुधारने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए विद्यालयों को संसाधन युक्त बनाया जा रहा है। साथ ही शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने पर जोर है। इसके तहत आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने का नियम बना है, जिसमें शिक्षक रुचि नहीं ले रहे हैं। प्रदेशभर में कुल एक करोड़ 28 लाख 98 हजार 383 विद्यार्थियों में 21 लाख 65 हजार 138 अर्थात 16.79 प्रतिशत की उपस्थिति आनलाइन दर्ज की गई, जबकि शिक्षकों के लिए यह आंकड़ा प्रदेश में मात्र 0.02 प्रतिशत है। कुल एक लाख 32 हजार 643 स्कूलों के छह लाख 12 हजार 642 शिक्षकों में पहली पाली में मात्र 93 और दूसरी पाली में मात्र 58 अर्थात 0.01 प्रतिशत शिक्षक आनलाइन उपस्थित दर्ज करा रहे हैं। ये आंकड़े राज्य परियोजना कार्यालय से जारी किए गए हैं।
शासन स्तर से शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति को यूं तो अनिवार्य नहीं किया गया है लेकिन इसे लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय सख्त हो रहा है। पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानाध्यापक और एक शिक्षिका के निलंबन के मामले में संबंधित जिला अधिकारी से पूरे जिले में आनलाइन हाजिरी पर रिपोर्ट मांगी थी। राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से 17 अक्टूबर को जारी आंकड़े पर गौर करें तो प्रयागराज में कुल 2,839 स्कूलों में 15,264 शिक्षक हैं। यहां प्रथम पाली में मात्र चार शिक्षकों व द्वितीय पाली में सिर्फ एक शिक्षक ने आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई।
चित्रकूट व फर्रुखाबाद में सात, बदायूं में छह, हाथरस व लखनऊ में चार-चार, हरदोई व सीतापुर में पांच, एटा, आंबेडकर नगर, आजमगढ़, बरेली, वाराणसी व अलीगढ़ में तीन, गाजियाबाद में एक, संत कबीरनगर, जौनपुर, अयोध्या व प्रतापगढ़ में दो शिक्षकों ने प्रथम पाली में आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई। हापुड़, महोबा, कासगंज, इटावा, अमेठी, मुजफ्फरनगर, औराई, हमीरपुर, सहारनपुर, सोनभद्र, सुलतानपुर, फिरोजाबाद, बाराबंकी, आगरा, बिजनौर, महराजगंज, फतेहपुर, बहराइच, शाहजहांपुर, बुलंदशहर, बलिया, बांदा, मथुरा में एक-एक शिक्षक ने आनलाइन उपस्थिति दर्ज की है। शेष जिलों में एक भी शिक्षक ने आनलाइन उपस्थिति नहीं दर्ज कराई।
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