मर्जर का दुष्प्रभाव : डिमर्ज हुए स्कूल पुनः अपनी जगह चलने शुरू हुए तो घट गए शिक्षक, स्कूलों की पेयरिंग के दौरान हुआ था शिक्षकों का समायोजन, अब पढ़ाई पर संकट
लखनऊः जिले में पेयर किए गए कई बेसिक स्कूल वापस अपने भवन में चलने लगे है। इससे पहले पेयरिंग के दौरान कई जगह शिक्षक बढ़ गए थे, जो स्वैच्छिक समायोजन के तहत दूसरे स्कूलों में चले गए। ऐसे में अब स्कूल पुरानी जगह चलने लगे तो छात्रों की हाजिरी बढ़े लगी है, लेकिन शिक्षकों की कमी हो गई है। जहां पहले दो शिक्षक थे, वहां अब महज एक शिक्षक के भरोसे पढ़ाई हो रही है। कई एकल शिक्षक स्कूल तो शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, पेयरिंग के बाद कई स्कूलों में शिक्षकों को सप्लस बताकर उनका स्वैच्छिक समायोजन कर दिया गया था। बेसिक शिक्षा मंत्री ने 31 जुलाई को अधिक दूरी वाले स्कूलों को अनपेयर करने का ऐलान किया था। इसके बाद भी बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अनपेयरिंग का कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया, बल्कि अगस्त में कई स्कूलों को पुराने भवन में संचालित करने का मौखिक निर्देश दे दिया। इसके बाद स्कूल पुराने भवन में शुरू हुए, तब पता चला कि पहले के मुकाबले शिक्षक घट गए है।
पढ़ाई पर पड़ रहा असर
मोहनलालगंज के भौदरी ग्राम पंचायत के मरूई प्राथमिक विद्यालय में करीब 35 छात्र है। यहां दो शिक्षक थे। पेयरिंग के वक्त एक शिक्षक को दूसरे स्कूल में समायोजित कर दिया गया था। अब स्कूल पुराने भवन में पहले की तरह चल रहा है, लेकिन दो के बजाय सिर्फ शिक्षक के भरोसे पढ़ाई हो रही है। इसी तरह मोहनलालगंज के प्राथमिक विद्यालय उत्तरगांव में भी दो शिक्षक थे। एक शिक्षक के समायोजन के बाद पुराने भवन में सिर्फ सहायक अध्यापक ही सभी बच्चो को पढ़ा रहे है। वही, माल के प्राथमिक विद्यालय बनेवापुरवा में 35 बच्चों पर दो शिक्षक तैनात थे। पेयरिंग और समायोजन के बाद इस स्कूल में सिर्फ एक शिक्षक है।
शिक्षामित्रों के भरोसे स्कूल
माल का पीरनगर प्राथमिक विद्यालय पहले एकल शिक्षक के भरोसे चल रहा था। पेयरिंग के वक्त शिक्षक का समायोजन दूसरे स्कूल में कर दिया गया। अब पुराने भवन में स्कूल शुरू होने पर शिक्षामित्र के भरोसे पढ़ाई चल रही है। मलिहाबाद का इमलिया प्राथमिक विद्यालय पहले एकल शिक्षक स्कूल था, लोकिन अब यह शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहा है।
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