DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बाँदा बांदा बागपत बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर लख़नऊ वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Thursday, October 2, 2025

शिक्षकों का पहले तबादला, फिर वापसी, आखिर गलती किसकी? तबादलों से शिक्षकविहीन हुए बेसिक स्कूल, अब वापस पुराने स्कूल भेजा जा रहा

शिक्षकों का पहले तबादला, फिर वापसी, आखिर गलती किसकी? तबादलों से शिक्षकविहीन हुए बेसिक स्कूल, अब वापस पुराने स्कूल भेजा जा रहा

लखनऊ: जुलाई- अगस्त में बेसिक शिक्षकों के अंतःजनपदीय (जिले के अंदर) तबादले हुए। उनको दूसरे जिलों में जॉइनिंग भी दे दी गई। इससे कई ऐसे स्कूल एकल शिक्षक या शिक्षकविहीन हो गए। ऐसे शिक्षकों को अब फिर से पुराने स्कूल में वापस भेजा जा रहा है। कई जिलों में लगातार बीएसए ऐसे आदेश कर रहे हैं। वे अपने खंड शिक्षाधिकारियों से सवाल भी कर रहे है कि स्कूल शिक्षकविहीन होने या एकल शिक्षक होने के लिए जिम्मेदार कौन है? 

अब यह एक बड़ा सवाल बन गया है। इसका जवाब विभाग और शासन के बड़े अफसरों के पास भी नहीं है। क्या तबादला करते समय मानकों की जांच नहीं की गई? अगर पहले जांच की गई तो अब शिक्षकों को वापस क्यों भेजा जा रहा है? दोनों ही स्थितियों में गलती किसकी है?



ऐसे हुए तबादले
प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के अंतःजनपदीय तबादलों की प्रक्रिया जुलाई में शुरू हुई थी। उसके बाद 11 अगस्त को तबादला लिस्ट जारी की गई। इसमें कुल 5,378 का तबादला हुआ। तब जॉइनिंग देने के तुरंत बाद यह बात सामने आई थी कि छात्र शिक्षक अनुपात बिगड़ गया है। कुछ बीएसए ने शिक्षकों को तुरंत ही पुराने स्कूल में वापस करने के आदेश किए थे। उस समय विभाग के बड़े अफसरों ने हस्तक्षेप कर यह कहा था कि जिनका तबादला हो गया है, उनको रोका नहीं जाएगा। सभी को नई जगह जॉइनिंग दी जाएगी। बाद में स्कूलों की पेयरिंग के बाद एक बार फिर से तबादले समायोजन किए जाएंगे। उसमें अनुपात को सुधार लिया जाएगा। 


लगातार हो रहे वापसी के आदेश: स्कूलों की पेयरिंग हो गई लेकिन उसके बाद समायोजन नहीं हुआ। ज्यादातर जिलों में कई स्कूल एकल या शिक्षकविहीन हो गए हैं। ऐसे में सभी बीएसए फिर से शिक्षकों को अपने पुराने स्कूल में भेजने के आदेश कर रहे हैं। मेरठ, कन्नौज, महाराजगंज, सुलतानपुर, हमीरपुर सहित करीब दर्जनभर जिलों के बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों को आदेश दिए है कि कोई स्कूल तबादले समायोजन की वजह से एकल या शिक्षक विहीन हो रहा है तो शिक्षकों को मूल विद्यालय में वापस भेजा जाए। वहीं, बस्ती और जालौन सहित कई जिलों के बीएसए ने नियमों का हवाला देते हुए लिखा है कि कोई विद्यालय एकल या शिक्षकविहीन नहीं होना चाहिए। इन नियमों के तहत शिक्षकों को कार्यमुक्त या कार्यभार ग्रहण कराने की कार्यवाही की जाए।


एक ही सवाल, जिम्मेदार कौन ?
इस बारे में कुछ शिक्षकों ने डीजी स्कूल शिक्षा और विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि शिक्षकों का तबादला ऑनलाइन हुआ है। इसमें शिक्षकों का कोई दोष नहीं है। ऐसे में उनके तबादले निरस्त न किए

कहां हुई गड़बड़ ?
जब तबादले किए गए तब छात्र-शिक्षक अनुपात तय करते समय शिक्षामित्रों को भी जोड़कर शिक्षको की संख्या का आकलन किया गया। कई सकूल ऐसे थे जिनमे शिक्षामित्र तो है लेकिन शिक्षक एक या दो ही थे। का तबादला हो गया तो वे एकल या शिक्षकविहीन हो गए। पहले जब यह बात उठी तो एक बार और समायोजन का आश्वासन दिया गया। वह समायोजन हुए नही। हाल में शिक्षकवहीन स्कूल का मामला हाई कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने आदेश दिए कि विद्यालय एकल या शिक्षक विहीन नहीं होना चाहिए। इसके बाद से सभी बीएसए शिक्षकों को पुराने विद्यालय में वापसी के आदेश कर रहे है।

 खबरों के अंदर की बात
 प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि पहले तबादले किए गए। अब निरस्त किए जा रहे है। इसमें किसी की भी गलती हो, लेकिन शिक्षक गलत नहीं है। जिसने गलती की है, जांच करके उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि विभाग की छवि धूमिल न हो।

जांच की जाएगीः प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा का कहना है कि इस बारे में उन्हें कुछ जानकारी नहीं है। वहीं डीजी स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने कहा कि डायरेक्टर के स्तर से मामले की जांच की जाएगी।




बेसिक शिक्षकों का पहले किया तबादला, अब कर रहे वापस, मेरठ, महराजगंज, शाहजहांपुर समेत कई जिलों में आदेश जारी, पहले शिक्षामित्रों को नियमित शिक्षक मानकर कर ली गई गणना

लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तवादले को लेकर गंभीर प्रशासनिक भ्रम की स्थिति बन गई है। पहले शिक्षामित्रों को नियमित शिक्षक मानकर तवादले किए गए लेकिन अब जब कई विद्यालय एकल या शिक्षकविहीन हो गए तो विभाग उन्हीं तबादलों को निरस्त करने लगा है। मेरठ, महराजगंज, शाहजहांपुर समेत कई जिलों में शिक्षकों को वापस उनके मूल विद्यालयों में बुलाया जा रहा है, जिससे शिक्षकों में भारी नाराजगी और असमंजस का माहौल है।

जून और अगस्त में लंबी कवायद के बाद शिक्षकों के जिले के अंदर परस्पर तवादले किए गए थे। इसमें जून में 20182 शिक्षकों का जिले के अंदर सामान्य तवादला किया गया था। वहीं अगस्त में 5378 शिक्षकों का तबादला हुआ था। उस समय विभाग का यह दावा था कि उसने सभी आवश्यक चीजें देखकर तवादले किए हैं। साथ ही बीएसए को भी नियमानुसार ही शिक्षकों को जॉइन कराने का निर्देश दिया था।

 अब गौतमबुद्धनगर, औरैया, हमीरपुर, महाराजगंज, शाहजहांपुर, मेरठ आदि कई जिलों में बीएसए की ओर से शिक्षकों के तबादले से जुड़े आदेश जारी किए जा रहे हैं। इनमें कहा गया है, तवादले के बाद यह पता चला कि जिले के कई विद्यालय शिक्षकविहीन हो गए हैं। इसकी वजह से विसंगति पैदा हो रही है।

बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों के तबादले के बाद विद्यालय एकल या शिक्षकविहीन हो गए हैं। वहां के शिक्षकों को तत्काल उनके मूल विद्यालय में वापस लाने की कार्यवाही की जाए।

साथ ही यह भी स्पष्ट करें कि विद्यालय के एकल या शिक्षकविहीन होने के लिए कौन उत्तरदायी है? अब दो-तीन महीने बाद तबादला निरस्त करने से शिक्षकों में काफी नाराजगी है। आखिर यह विभाग की कैसी मनमानी व नियमावली है कि जब चाहा तबादला किया और जब चाहा निरस्त कर दे रहे हैं


पहले हुई गलती या अब

तबादला प्रक्रिया में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह गलती हुई कब। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी की ओर से आठ अगस्त को जारी आदेश के बिंदु संख्या छह में स्पष्ट कहा गया है कि स्वेच्छा से तबादला व समायोजन प्रक्रिया में शिक्षकों को कार्यमुक्त करने से विद्यालय एकल या शिक्षकविहीन हो रहे हैं, तो उनको कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में या तो उस समय तबादलों में गलती हुई या अब गलत किया जा रहा है?

यह कुछ शिक्षकों का ही मामला है। कुछ जगह पर स्कूलों का मर्जर निरस्त होने के बाद स्थितियां बदली हैं। यह देखा जाएगा कि पहले दिए गए निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया गया है या नहीं? इसमें जिस अधिकारी की गलती मिलेगी उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। - सुरेंद्र तिवारी, सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद




मर्जर का दुष्प्रभाव : डिमर्ज हुए स्कूल पुनः अपनी जगह चलने शुरू हुए तो घट गए शिक्षक,  स्कूलों की पेयरिंग के दौरान हुआ था शिक्षकों का समायोजन, अब पढ़ाई पर संकट

स्कूलों की पेयरिंग और अनपेयरिंग से पैदा हुआ स्कूलों में शिक्षकों का संकट


लखनऊः जिले में पेयर किए गए कई बेसिक स्कूल वापस अपने भवन में चलने लगे है। इससे पहले पेयरिंग के दौरान कई जगह शिक्षक बढ़ गए थे, जो स्वैच्छिक समायोजन के तहत दूसरे स्कूलों में चले गए। ऐसे में अब स्कूल पुरानी जगह चलने लगे तो छात्रों की हाजिरी बढ़े लगी है, लेकिन शिक्षकों की कमी हो गई है। जहां पहले दो शिक्षक थे, वहां अब महज एक शिक्षक के भरोसे पढ़ाई हो रही है। कई एकल शिक्षक स्कूल तो शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहे हैं।


जानकारी के मुताबिक, पेयरिंग के बाद कई स्कूलों में शिक्षकों को सप्लस बताकर उनका स्वैच्छिक समायोजन कर दिया गया था। बेसिक शिक्षा मंत्री ने 31 जुलाई को अधिक दूरी वाले स्कूलों को अनपेयर करने का ऐलान किया था। इसके बाद भी बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अनपेयरिंग का कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया, बल्कि अगस्त में कई स्कूलों को पुराने भवन में संचालित करने का मौखिक निर्देश दे दिया। इसके बाद स्कूल पुराने भवन में शुरू हुए, तब पता चला कि पहले के मुकाबले शिक्षक घट गए है।


पढ़ाई पर पड़ रहा असर

मोहनलालगंज के भौदरी ग्राम पंचायत के मरूई प्राथमिक विद्यालय में करीब 35 छात्र है। यहां दो शिक्षक थे। पेयरिंग के वक्त एक शिक्षक को दूसरे स्कूल में समायोजित कर दिया गया था। अब स्कूल पुराने भवन में पहले की तरह चल रहा है, लेकिन दो के बजाय सिर्फ शिक्षक के भरोसे पढ़ाई हो रही है। इसी तरह मोहनलालगंज के प्राथमिक विद्यालय उत्तरगांव में भी दो शिक्षक थे। एक शिक्षक के समायोजन के बाद पुराने भवन में सिर्फ सहायक अध्यापक ही सभी बच्चो को पढ़ा रहे है। वही, माल के प्राथमिक विद्यालय बनेवापुरवा में 35 बच्चों पर दो शिक्षक तैनात थे। पेयरिंग और समायोजन के बाद इस स्कूल में सिर्फ एक शिक्षक है।


शिक्षामित्रों के भरोसे स्कूल

माल का पीरनगर प्राथमिक विद्यालय पहले एकल शिक्षक के भरोसे चल रहा था। पेयरिंग के वक्त शिक्षक का समायोजन दूसरे स्कूल में कर दिया गया। अब पुराने भवन में स्कूल शुरू होने पर शिक्षामित्र के भरोसे पढ़ाई चल रही है। मलिहाबाद का इमलिया प्राथमिक विद्यालय पहले एकल शिक्षक स्कूल था, लोकिन अब यह शिक्षामित्रों के भरोसे चल रहा है।

No comments:
Write comments