बूढ़नपुर (आजमगढ़): राज्यपाल राम नाईक ने सरस्वती महिला महाविद्यालय अजगरा लोकार्पण पर आजमगढ़ से अपने लगाव को कुछ इस कदर जोड़ा कि मौजूद यहां के लोग उनके मुरीद हो गए। उत्तर प्रदेश के साथ ही मुंबई से जोड़कर आजमगढ़ के प्रति लगाव झलका तो महिला शिक्षा के लिए भी आगाह किया। छात्रों को किताबी कीड़ा से बचने की सलाद देते हुए कहा कि वह विषय वस्तु समङोंगे तो सफल रहेंगे। महिला शिक्षा को केंद्र में रखते हुए कहा कि जहां नारी की पूजा होती है वह परिवार और देश तरक्की करता है। सवाल उठाया कि यदि आधी आबादी को पहले ही शिक्षित कर दिया गया होता तो आज देश की तस्वीर दूसरी होती। शिक्षा व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसकी गुणवत्ता सुधारनी है तो नकल की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना होगा। जब तक नकल नहीं रुकेगी न तो गुणवत्ता सुधरेगी और ना ही शिक्षित समाज की परिकल्पना साकार होगी। उन्होंने छात्रों को भी किताबी कीड़ा न बनने से आगाह किया। कहा कि विषयवस्तु को समझने की कोशिश करें यह उनके लिए जरूरी है। महिला स्वास्थ्य पर भी सुझाव दिया। गांव की स्थित पर चर्चा की। कहा कि आज गांवों में कठिनाइयां बहुत हैं। इसके बावजूद दौलत सिंह ने मातृभूमि का कर्ज उतारने के लिए महाविद्यालय की स्थापना की यह सराहनीय कदम है। आज के परिवेश में विद्यालय खोलना लोगों के लिए व्यवसाय परक हो गया है लेकिन शिक्षा को व्यवसाय बनने से रोकने की जरूरत है। श्री नाइक ने कहा कि मैं शुरू से घुमक्कड़ प्रवृत्ति का रहा हूं इसलिए डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिले का भ्रमण कर चुका हूं। बहुत दिनों से इच्छा थी आजमगढ़ आने की जिसे दौलत सिंह ने आज पूरी कर दिया। इस दौरान राज्यपाल राम नाइक ने दौलत सिंह के उपन्यास सुलगते दिल की शीतल परत का विमोचन किया।
No comments:
Write comments