पोषाहार व गरम भोजन मिलने की तो गारंटी रही ही नहीं, कुपोषण दूर करने के लिए अब आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को फल देने की तैयारी हो रही है। अति कुपोषित बच्चों की सेहत सुधारने के लिए शासन की एक और मुहिम शुरू होने जा रही है। मुहिम का पहले किसी एक ब्लाक और जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी के गोद लिए गांवों में परीक्षण होगा। फिर उसे सभी केंद्रों पर लागू किया जाएगा। राज्य पोषण मिशन के तहत प्रदेश भर में मनाए गए वजन दिवस के तहत 14 लाख अति कुपोषित बच्चों (लाल श्रेणी) की पहचान की गई थी। इसके अलावा मातृत्व सप्ताह के तहत एक लाख से अधिक गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क श्रेणी में चिह्न्ति की गईं थीं। इन्हें अब विशेष आहार देकर कुपोषण दूर करने की तैयारी हो रही है। दरअसल बच्चों को पका-पकाया गरम भोजन (हाट कुक्ड) उपलब्ध कराने की पुरानी व्यवस्था है और अब सात माह से तीन वर्ष तक के अति कुपोषित बच्चों को गरम भोजन के साथ केंद्र पर ही मौसमी फल, तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को स्नैक्स के साथ शाम को मौसमी फल देने का शासन ने निर्देश जारी किया है। इसकी शुरुआत इसी सप्ताह में होनी है। ट्रायल कार्यक्रम 30 अप्रैल तक चलना है। कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं को केंद्र पर भोजन कराने के बाद लाल आयरन की गोली भी खिलायी जाएगी। आयरन की गोली उपलब्ध कराने का दायित्व स्वास्थ्य विभाग का होगा। मिशन के तहत गोद लिए गांवों में ट्रायल कार्यक्रम का सत्यापन जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी के साथ अन्य संबंधित अधिकारी को करना होगा।1भोजन पकाने के लिए मध्याह्न् भोजन योजना के तहत प्राथमिक विद्यालयों में बनाए गए रसोईघरों का प्रयोग किया जाएगा। रसोईघर में कई केंद्रों का भोजन पकाने की स्थिति में भी पका भोजन संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र पर ले जाना होगा भोजन पकाने का दायित्व आंगनबाड़ी सहायिका को होगा। गोरखपुर में भटहट ब्लाक से होगी शुरुआत: गोरखपुर में भटहट ब्लाक से शुरुआत होगी। जिले में कुल अति कुपोषित बच्चों की संख्या 30 हजार है।
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