राजेश राज, अमरोहा कहावत है बिना गुरु के ज्ञान अधूरा, लेकिन गजरौला में एक स्कूल ऐसा भी है जहां दीवारें किताब और गुरु दोनों का कार्य कर बच्चों का ज्ञानवर्धन कर रही हैं। यह स्कूल है प्राथमिक विद्यालय देहरा, जिसमें अनूठा प्रयोग किया हेडमास्टर विकास कुमार ने।प्राथमिक स्कूलों में वैसे तो शिक्षण व्यवस्था को लेकर तंज कसे जाते हैं, मगर देहरा घनश्याम स्कूल में तैनात हेडमास्टर विकास कुमार का शिक्षण के प्रति समर्पण भाव उनके विद्यालय को औरों से अलग करता है। उन्होंने स्कूल के कक्ष की दीवारों पर न केवल नोबल पुरस्कार, उसे पाने वाले भारतीयों के बारे में जानकारी लिखवाई है, बल्कि देश के राष्ट्रपति, महापुरुषों सहित हर विषय के बारे में लिखा मिलेगा। प्रदेश के मंडल, जिले, वर्णमाला, गणित-विज्ञान के सूत्र, दिन, महीने, पर्यायवाची आदि के बारे में भी लिखा है। कुमार कहते हैं कि बच्चा देखकर बहुत कुछ सीखता है। कक्षा की दीवारों को चित्र के साथ-साथ प्रत्येक विषय के महत्वपूर्ण ज्ञान से भी परिपूर्ण बनाने का प्रयास किया गया है। कक्ष में प्रत्येक दीवार पर कुछ न कुछ लिखा और पेंट कराया गया है। इससे बच्चों का रिवीजन होता रहता है। शिक्षण स्तर में काफी सुधार आया है। उनका सपना परिषदीय स्कूल के बच्चों को बेहतर तालीम देने का है। हालांकि विद्यालय में तीन शिक्षक और हैं, लेकिन बच्चों के लिए यही दीवार गुरु का कार्य कर रही है। अधिकारी भी विद्यालय के मुरीद हो गए हैं। वे भी शिक्षण के इस तरीके को सराहते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी राकेश गौड़ का कहना है कि देहरा घनश्याम के हेडमास्टर विकास ने पठन-पाठन में सुधार लाने के लिए स्कूल भवन की दीवारों पर टीएलएम का बेहतर उपयोग किया है। ब्लाक के दूसरे शिक्षकों को भी इस स्कूल का भ्रमण कराया जाएगा, जिससे यह संदेश दूसरे स्कूलों तक पहुंचे और बच्चों को इसका लाभ मिल सके।
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