इलाहाबाद : शिक्षकों की शिकायतों का निस्तारण समय से न करना लिपिकों पर भारी पड़ सकता है। नई व्यवस्था के तहत प्रतिदिन कितनी शिकायतें आई और निस्तारित हुई इसका ब्योरा शिकायत रजिस्टर में दर्ज करना होगा। पाक्षिक शिकायतों की समीक्षा की जाएगी।
वेतन, एरियर, जीपीएफ, पदोन्नति, ऋण समेत कई मामलों की फाइलें लिपिकों के पटल पर धूल फांकती रहती हैं। समय से निस्तारित नहीं होने की वजह से शिक्षक बेसिक कार्यालय के चक्कर लगाते रहते हैं। इस वजह से वे स्कूल भी नहीं जाते हैं। शिक्षक नेताओं को भी मुद्दा मिल जाता है। ऐसे में बीएसए जयकरन यादव ने लिपिकों को निर्देशित किया है कि शिक्षकों की फाइलों को एक सप्ताह के अंदर निस्तारित कर दिया जाए। किसी भी शिक्षक द्वारा शिकायत की जाती है कि उसकी फाइल लंबे समय से संबंधित लिपिक के पास लटकी है तो उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों की समस्याओं के निस्तारण में किसी भी स्तर से हीला हवाली नहीं बर्दाश्त की जाएगी। बीएसए ने बताया कि पूछताछ के दौरान जानकारी हुई कि शिक्षकों के कई प्रकरण लंबित पड़े हुए हैं। इसी वजह से शिकायत व निस्तारण रजिस्टर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। बताया कि समस्याओं के निस्तारण की पाक्षिक समीक्षा भी की जाएगी।
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