इलाहाबाद : शिक्षण कार्य में
हीला हवाली या लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कस गया है। शिक्षकों
ने छात्र-छात्रओं को क्या पढ़ाया है। इसकी जवाबदेही तय की जाएगी।
प्रारंभिक पठन-पाठन कौशल योजना के तहत यह पड़ताल की जाएगी कि शैक्षिक सत्र
में शिक्षकों ने विद्यार्थियों को पढ़ाने में कितनी रूचि ली है। निर्धारित
प्रोफार्मा पर शिक्षकों को जवाब भरकर जमा करना होगा। वेतन वृद्धि समेत अनेक
विभागीय लाभ प्राप्त हो सकेंगे। प्रारंभिक पठन-पाठन कौशल योजना के तहत
शैक्षिक गुणवत्ता की जांच कराने की योजना शासन ने बनाई है। शैक्षिक
गुणवत्ता प्रोफार्मा को शिक्षकों को भरकर देना होगा। विभागीय स्तर पर गठित
होने वाली शैक्षिक गुणवत्ता टीम संबंधित शिक्षक के स्कूल जाकर
छात्र-छात्रओं से विषय संबंधी जानकारी हासिल करेगी। जांच टीम भी आख्या
अफसरों को देगी। जिससे यह हकीकत सामने आ सके कि शिक्षक द्वारा दी गई सूचना
सही है या गलत। नगर खंड शिक्षा अधिकारी ज्योति शुक्ला ने बताया कि जुलाई
माह के प्रथम सप्ताह से प्रारंभिक पठन-पाठन कौशल योजना की हकीकत देखने का
सिलसिला शुरू हो जाएगा। स्कूलों से मिलने वाले आउटपुट पर शिक्षकों को
विभागीय लाभ प्राप्त हो सकेंगे।
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