मानसून आ गया है। तीन दिन से रुक-रुक कर बरसात हो रही है। ऐसे में कई परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के सिर के ऊपर मौत का खतरा मंडरा रहा है। विद्यालय के भवन जर्जर हैं। सोमवार की बारिश में सरदार पटेल प्राथमिक विद्यालय का छज्जा गिर पड़ा। गनीमत रही कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। सैकड़ों विद्यालय ऐसे हैं, जहां हल्की बारिश में छत से पानी टपकने लगता है। ऐसे में छत से प्लास्टर कब गिर पड़े, इसका पता नहीं चलता। सोमवार को लोहामंडी के सरदार पटेल प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में बरसात से छज्जा गिर पड़ा। शिक्षिकाओं ने बताया कि विद्यालय में 300 बच्चे हैं, सोमवार को बरसात के कारण छात्र संख्या कम थी। सभी बच्चे कक्षा में थे, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ। प्राथमिक विद्यालय नवीन बेलनगंज की छत भी बच्चों के सिर पर खतरा बनकर मंडरा रही है। ऐसे ही कुछ स्थिति प्राथमिक विद्यालय छोटा उर्खरा की है। विद्यालय का भवन जर्जर है। छत नहीं कहां पढ़ाएं कुछ विद्यालय तो ऐसे हैं जहां भवन के नाम पर महज एक छोटी सी कोठरी है, जिसमें बैठना मुश्किल है। ऐसा ही एक विद्यालय है जगदीशपुरा स्थित नारायणा बिल्डिंग में चलने वाले स्कूल का। यहां बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ते हैं। भवन के नाम पर एक कमरा है वो भी बिल्कुल जर्जर। ऐसा ही हाल राधानगर बल्केश्वर प्राथमिक विद्यालय का है।जगदीश पुरा स्थित नारायणा बिल्डिंग में चलने वाले परिषदीय विद्यालय में भरा पानी।परिषदीय विद्यालयों के भवनों की स्थिति खराब टपकता है पानी, कभी भी गिर सकती है छतअधिकारियों से कई बार जर्जर भवनों के बारे में शिकायत की है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया। बच्चों की जान जोखिम में है।
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