खेल के समय खेलकूद और पढ़ने के समय सिर्फ पढ़ाई करना चाहिए। दोनों में तालमेल जरूर होना चाहिए तभी मिलेगी मंजिल। यह कहना है भारतीय क्रिकेट टीम के वनडे और टी 20 कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का। वह सोमवार को डीपीएस वाराणसी में बच्चों से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि बच्चों को कम से कम दो घंटे प्रतिदिन ऐसा खेल खेलना चाहिए जिसमें शारीरिक श्रम अवश्य शामिल हो। शरीर स्वस्थ रहेगा तो पढ़ाई में भी मन लगेगा। स्कूल में बहुत कुछ सीखने को मिलता है। भविष्य की नींव ऐसे ही शिक्षा के मंदिरों में पड़ती है। पढ़ाई में अध्यापक की और खेल में प्रशिक्षक की बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर कभी कुछ गलत महसूस होता है तो उस बात को अध्यापक से अवश्य पूछें। उन्होंने कहा कि यह मायने नहीं रखता है कि आप दिन में कितने घंटे पढ़ते हैं, मायने यह रखता है कि आपने मन से कितना पढ़ा है। यहीं बात खेल पर भी लागू होती है। जो भी काम करें, उसे मन से करें। क्वांटिटी से अधिक क्वालिटी का महत्व होता है। इस बात का ध्यान बच्चों के साथ अध्यापकों को भी देना चाहिए।पिता ने दी सीख धौनी ने बच्चों को बताया कि स्कूली शिक्षा के दौरान एक बार परीक्षा से दो दिन पहले मैच था। वह दुविधा में थे। तब उन्होंने पिता से पूछा कि उन्हें क्या करना चाहिए। पिता ने कहा कि अगर पूरे साल पढ़ाई की है तो एक दिन से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, अगर पढ़ाई नहीं की है तो भी एक या दो दिन की पढ़ाई से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं। उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हर किसी के लिए सफलता के अलग-अलग मायने होते हैं। दिल से काम करेंगे तो सफलता जरूर कदम चूमेगी। ईमानदारी का साथ भी कभी नहीं छोड़ना चाहिए। विद्यालय पहुंचने पर प्रबंधन से जुड़े लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया।
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