प्रमोद सिंह, हाथरस जिले का एक गांव ऐसा भी है, जहां कभी निरक्षरता का ‘कीचड़ ही कीचड़’ था, लेकिन आज यहां साक्षरता के ‘कमल’ खिले हुए हैं। यहां की साक्षरता दर 93 फीसद पार हो चुकी है। यह दर शहरी लोगों की पढ़ाई की दर से 20 फीसद अधिक है। रुतबे वाली बात यह भी है कि गांव के डेढ़ सौ से ज्यादा लोग सरकारी नौकरियों में हैं और देश की तरक्की में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं।आंखों का तारा ये गांव है, सादाबाद तहसील क्षेत्र का बिसावर। ऐसा नहीं था कि हमेशा ही यहां की स्थिति बहुत अच्छी रही हो। लेकिन, गांव वालों ने ठान लिया तो शहर की साक्षरता दर (73.3) से 20 फीसद बढ़कर 93.3 फीसद तक पहुंचा दी। यह गांव आसपास के लोगों के लिए मिसाल है। खास यह भी कि यहां दूसरे गांवों के बच्चे भी पढ़ने पहुंच रहे हैं।ज्ञान के आठ मंदिर बिसावर में एक डिग्री व तीन इंटर कॉलेज समेत कुल आठ विद्यालय हैं। यहां 1400 परिवार रहते हैं। इनकी आबादी है 12 हजार। इनमें से 5500 मतदाता हैं। यहां एसबीजे इंटर कॉलेज, एचपी सिंह इंटर कॉलेज, सरस्वती उमा विद्यालय, एसबीजे डिग्री कॉलेज व बेसिक शिक्षा विभाग के चार विद्यालय हैं। 1150 लोग नौकरी में1गांव के 50 लोग फौज में हैं तो 12 सिपाही भी। 20 शिक्षक भी इसी गांव से निकले। 25 को चतुर्थ श्रेणी की नौकरी हासिल हुई। चार लोग रेलवे में नौकरी कर रहे हैं। 40 सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं, जो कि पढ़ाई की अलख जगा रहे हैं।
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