यहां के शिक्षकों का नारा, बेहतर कल हो हमारा
स्कूल में हरियाली का बोलबाला, विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ी
प्रमोद सिंह, हाथरस 1‘निर्माण और प्रलय दोनों शिक्षक की गोद में खेलते हैं।’ तीसरी सदी ईसा पूर्व कहे गए आचार्य चाणक्य के इस कथन को पूर्व माध्यमिक विद्यालय, तिलौठी के शिक्षकों ने सार्थक कर दिखाया है। सासनी विकास खंड में स्थित इस स्कूल में विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के अलावा प्रकृति से प्रेम और सामाजिक भाईचारे की सीख भी दी जा रही है। यहां शिक्षकों ने व्यक्तिगत प्रयास से विभिन्न प्रजातियों के सैकड़ों पौधे लगाए हैं। सौहार्द की सीख देने के लिए स्कूल प्रांगण में पौधों से ही ‘ऊॅँ’ और ‘अल्लाह’ लिखा गया है। यहां के शिक्षकों का ध्येय है कि हमारा कल बेहतर हो। 1पांच साल पहले 1यह विद्यालय एकांत स्थान पर है। इसलिए पांच साल पहले तक यह उपेक्षा का शिकार भी था। स्कूल परिसर में खर-पतवार उगे रहते थे। ग्रामीणों को स्कूल की तरफ देखना भी गंवारा नहीं था। यही कारण था कि स्कूल में सिर्फ 80 विद्यार्थियों का नामांकन था। ये विद्यार्थी भी कभी पढ़ने आते, कभी नहीं। 1यूं हुआ बदलाव1वर्ष 2011 में महिपाल सिंह इस स्कूल के हेड मास्टर नियुक्त किए गए। स्कूल की दुर्दशा को देख कर इन्होंने विद्यालय का गौरव निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू की। इसमें स्कूल के अन्य शिक्षक भी साथ हो लिए। इन्होंने दो स्तरों पर कार्य शुरू किया। पहला शिक्षा का स्तर ठीक किया, दूसरा पूरे स्कूल प्रांगण को हरा-भरा करने के लिए व्यापक स्तर पर पौध रोपण किया। पौधे लगाते समय विविधता का पूरा ध्यान रखा। आखिर शिक्षकों की मेहनत रंग लाई, आज इस विद्यालय में 178 बच्चों का नामांकन है। प्रांगण ऐसा की दूर-दराज से लोग इसे देखने आते हैं।1लाजवाब हरियाली1पांच वर्ष पहले विद्यालय में लगाए गए पौधे आज दरख्त बन गए हैं। यहां पर साइकस, चाइना पाम, नाग केसर, गुड़हल, गेंदा, गुलाब, तुलसी, शहतूत, जामुन, आम सब हैं। हरियाली की बहार और फूलों के खुशबू की बयार यहां से गुजरने वालों के पांव रोक लेती हैं। यहां के विद्यार्थी ज्ञान-विज्ञान के साथ प्रकृति प्रेम और आपसी सौहार्द भी सीख रहे हैं। 1अफसर करते हैं सराहना 1इस विद्यालय ने जिले के आला अधिकारियों का भी ध्यान आकर्षित किया है। यही कारण है कि खंड शिक्षा अधिकारी अखिलेश यादव निरंतर इस विद्यालय पर अपनी नजर बनाए रखते हैं और किसी भी तरह की सहायता के लिए सदैव तैयार रहते हैं। बोर्ड परीक्षा के समय शासन स्तर से निरीक्षण के लिए आने वाली टीम को जिले के अफसर यह स्कूल दिखाना नहीं भूलते।पौधों से बनाई गई अल्लाह की आकृति। जागरणपौधों से बनाई गई ओम की आकृति। जागरण
स्कूल में हरियाली का बोलबाला, विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ी
प्रमोद सिंह, हाथरस 1‘निर्माण और प्रलय दोनों शिक्षक की गोद में खेलते हैं।’ तीसरी सदी ईसा पूर्व कहे गए आचार्य चाणक्य के इस कथन को पूर्व माध्यमिक विद्यालय, तिलौठी के शिक्षकों ने सार्थक कर दिखाया है। सासनी विकास खंड में स्थित इस स्कूल में विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के अलावा प्रकृति से प्रेम और सामाजिक भाईचारे की सीख भी दी जा रही है। यहां शिक्षकों ने व्यक्तिगत प्रयास से विभिन्न प्रजातियों के सैकड़ों पौधे लगाए हैं। सौहार्द की सीख देने के लिए स्कूल प्रांगण में पौधों से ही ‘ऊॅँ’ और ‘अल्लाह’ लिखा गया है। यहां के शिक्षकों का ध्येय है कि हमारा कल बेहतर हो। 1पांच साल पहले 1यह विद्यालय एकांत स्थान पर है। इसलिए पांच साल पहले तक यह उपेक्षा का शिकार भी था। स्कूल परिसर में खर-पतवार उगे रहते थे। ग्रामीणों को स्कूल की तरफ देखना भी गंवारा नहीं था। यही कारण था कि स्कूल में सिर्फ 80 विद्यार्थियों का नामांकन था। ये विद्यार्थी भी कभी पढ़ने आते, कभी नहीं। 1यूं हुआ बदलाव1वर्ष 2011 में महिपाल सिंह इस स्कूल के हेड मास्टर नियुक्त किए गए। स्कूल की दुर्दशा को देख कर इन्होंने विद्यालय का गौरव निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू की। इसमें स्कूल के अन्य शिक्षक भी साथ हो लिए। इन्होंने दो स्तरों पर कार्य शुरू किया। पहला शिक्षा का स्तर ठीक किया, दूसरा पूरे स्कूल प्रांगण को हरा-भरा करने के लिए व्यापक स्तर पर पौध रोपण किया। पौधे लगाते समय विविधता का पूरा ध्यान रखा। आखिर शिक्षकों की मेहनत रंग लाई, आज इस विद्यालय में 178 बच्चों का नामांकन है। प्रांगण ऐसा की दूर-दराज से लोग इसे देखने आते हैं।1लाजवाब हरियाली1पांच वर्ष पहले विद्यालय में लगाए गए पौधे आज दरख्त बन गए हैं। यहां पर साइकस, चाइना पाम, नाग केसर, गुड़हल, गेंदा, गुलाब, तुलसी, शहतूत, जामुन, आम सब हैं। हरियाली की बहार और फूलों के खुशबू की बयार यहां से गुजरने वालों के पांव रोक लेती हैं। यहां के विद्यार्थी ज्ञान-विज्ञान के साथ प्रकृति प्रेम और आपसी सौहार्द भी सीख रहे हैं। 1अफसर करते हैं सराहना 1इस विद्यालय ने जिले के आला अधिकारियों का भी ध्यान आकर्षित किया है। यही कारण है कि खंड शिक्षा अधिकारी अखिलेश यादव निरंतर इस विद्यालय पर अपनी नजर बनाए रखते हैं और किसी भी तरह की सहायता के लिए सदैव तैयार रहते हैं। बोर्ड परीक्षा के समय शासन स्तर से निरीक्षण के लिए आने वाली टीम को जिले के अफसर यह स्कूल दिखाना नहीं भूलते।पौधों से बनाई गई अल्लाह की आकृति। जागरणपौधों से बनाई गई ओम की आकृति। जागरण
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