स्टील के टिफिन मे रखना होगा मध्याह्न भोजन का नमूना , मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने सभी बीएसए को दिए स्पष्ट निर्देश
विद्यालयों को स्टील का टिफिन क्रय करने का निर्देश विद्यालय बंद होने तक रखना होगा भोजन का सैंपल मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निर्देश के बाद सक्रिय हुए बीएसए
स्टील के टिफिन में रखना होगा मध्याह्न भोजन का नमूना
देवरिया : परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के सेवन से यदि कोई बच्चा बीमार पड़ता है तो इसके लिए सीधे शिक्षक जिम्मेदार होंगे। शासन ने नई व्यवस्था के तहत फरमान जारी किया है कि प्रत्येक विद्यालयों में पके-पकाए भोजन का नमूना स्टील के टिफिन में विद्यालय बंद होने तक रखना होगा। इसके पीछे शासन की मंशा है भोजन की गुणवत्ता परखना है। साथ ही यदि दुर्भाग्यवश किसी विद्यालय में भोजन के सेवन से बच्चा बीमार पड़ता है तो उसकी जांच कराई जाएगी, जांच में दोषी मिलने पर संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने योजना के सफल संचालन व बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए सभी जनपदों के बीएसए को स्पष्ट निर्देश दिया है कि प्रत्येक दिवस पके-पकाए भोजन का सैंपल विद्यालय बंद होने तक सुरक्षित रखा जाए। इसके पीछे विभाग की मंशा भविष्य में घटने वाले ऐसे किसी भी प्रकरण में भोजन के नमूनों का आधिकारिक रूप से जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करना है। शासन के निर्देश का जनपद में क्रियान्वयन शुरू हो गया है। साथ ही विद्यालय के शिक्षक भोजन की गुणवत्ता को लेकर अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं, जिससे उनकी गर्दन न फंसे।12863 विद्यालयों में संचालित है योजना: वर्तमान में जनपद के कुल 2863 विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना संचालित हैं। इनमें 1877 प्राथमिक, 737 उच्च प्राथमिक, 41 समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विद्यालय, 9 मदरसा, 3 राजकीय इंटर कालेज तथा 125 एडेड इंटर कालेज शामिल हैं। इन विद्यालयों में हर रोज छात्रों को गर्म पका-पकाया भोजन देने का प्राविधान है। इसकी सूचना बाकायदे दैनिक अनुश्रवण प्रणाली के तहत हर रोज मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को उपलब्ध कराया जाता है।विद्यालयों को स्टील का टिफिन क्रय करने का निर्देश विद्यालय बंद होने तक रखना होगा भोजन का सैंपल मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निर्देश के बाद सक्रिय हुए बीएसए मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निर्देश पर सभी खंड शिक्षाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया गया है, ताकि वे अपने-अपने विकास खंड के विद्यालयों में एमएमई मद से टिफिन का क्रय कर प्रतिदिन भोजन का नमूना रख सके। निरीक्षण के दौरान जिस विद्यालय में भोजन का नमूना टिफिन में रखा नहीं मिला तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। -डीपी सिंह जिला समन्वयक, मिड-डे-मील।
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