कई स्कूलों में पहले से हैं बर्तन अन्य जनपदों की तुलना में बरेली के हालात इस मामले में ठीक है। कुछ साल पहले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष की ओर से बर्तन जुटाने के प्रयास किए गए थे। जिस पर सभी जिला पंचायत सदस्यों ने अपने क्षेत्रों के स्कूलों में एमडीएम के लिए बर्तन उपलब्ध कराए थे। हालांकि बाद में तमाम स्कूलों के बर्तन प्रधानों ने हथिया लिए। वही कई स्कूलों के बर्तन चोरी हो गए। जिसके चलते उसमें समस्या फिर से बन गई।
परिषदीय स्कूलों में बच्चों को अब घर से थाली और ग्लास लेकर नहीं जाना पड़ेगा। बच्चों को एमडीएम के लिए स्कूलों में बर्तन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए एमडीएम खाने वाले बच्चों का ब्यौरा मांगा गया था। जिसे बेसिक शिक्षा विभाग ने भेज दिया है। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से पत्र भेजकर रोजाना मिड डे मील खाने वाले छात्रों का ब्यौरा मांगा था। साथ ही सभी बीआरसी केंद्रों का पता उपलब्ध कराने को कहा था। जिसके आधार पर छात्रों को थाली और ग्लास मुहैया कराए जा सके। एमडीएम के कोर्डिनेटर गौरव तिवारी ने बताया कि छात्रों का ब्यौरा औसत संख्या के अनुसार मांगा गया था। बरेली में रोजाना औसतन 68.5 फीसदी छात्र ही एमडीएम खाते है। जिनका ब्यौरा भेज दिया गया है। इसके अलावा प्राधिकरण को सभी बीआरसी केंद्रों का पता भेज दिया गया है। प्राधिकरण की ओर से थाली और ग्लास सीधे बीआरसी केंद्रो पर आएंगे। बीआरसी केंद्रों से इन्हें छात्र संख्या के अनुसार विद्यालयों में भेज दिया जाएगा।
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