बरेली मंडल के सरकारी स्कूलों की है ये स्थिति
ये स्कूल हुए चयनित
बेसिक शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार हर साल मंडल में करोड़ों रुपये खर्च रही है, लेकिन उसका परिणाम सरकार को अपेक्षा अनुरूप नहीं मिल रहा है। बरेली में स्कूलों की संख्या 11 हजार से अधिक है लेकिन सरकार के मानकों में महज छह स्कूल फिट बैठे हैं। ये बात अलग है कि सूबे में 16 स्कूल ऐसे मिले हैं, लेकिन इन आंकड़ों के बाद कारण बेसिक शिक्षा विभाग को तलाशने होंगे।
आंकड़ों पर गौर करें तो बरेली मंडल में परिषदीय विद्यालयों की संख्या 11 हजार से अधिक है। बरेली व बदायूं में तीन हजार से अधिक विद्यालय हंै। इन दो जिलों को हर साल सरकार 80 करोड़ से अधिक रकम देती है। यह रकम मिड डे मील, सफाई, शिक्षकों का वेतन आदि पर खर्च होती है। इसका आउटपुट सरकार को मिलना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। लगातार स्कूलों की स्थिति बिगड़ती जा रही है। शिक्षा विभाग के अफसर निरीक्षण के नाम पर कागजों का पेट भर रहे हैं। स्वच्छ स्कूल योजना में बरेली का एक, पीलीभीत के दो व बदायूं के तीन विद्यालय चयनित हुए हैं। शाहजहांपुर जनपद का तो खाता तक नहीं खुला है। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्कूलों की स्थिति क्या होगी और बच्चे हर दिन क्या ज्ञान अर्जित कर अभिभावकों के सामने जाते होंगे।16बरेली मंडल के सरकारी स्कूलों की है ये स्थितिपीलीभीत जनपद स्थित बरा प्राथमिक विद्यालय, बरा उच्च प्राथमिक विद्यालय, बरेली का सैंजनी प्राइमरी विद्यालय, बदायूं का हरहर उच्च प्राथमिक विद्यालय, आमगांव उच्च प्राथमिक विद्यालय और मजूरी उच्च प्राथमिक विद्यालय का चयन स्वच्छ स्कूल योजना के तहत हुआ है।स्वच्छ स्कूल योजना के अंतर्गत मंडल के छह स्कूलों का चयन किया गया है। उसके लिए मानक निर्धारित किए गए थे।- शशि देवी शर्मा, एडी बेसिक
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