संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से अभिलेखों के सत्यापन में हुई गड़बड़ी की जांच कर रही एसआईटी ने शिकंजा कसा है। मांगी गई सूचना न देने पर मुन्ना भाइयों की अपरोक्ष रूप से मदद करने की बात गई है। एसआईटी पुलिस अधीक्षक के पत्र पर बेसिक शिक्षा निदेशक ने हरदोई समेत प्रदेश के 60 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी जारी करते हुए तीन दिन में सूचनाएं तलब की हैं।
परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षक शिक्षिकाओं में कई फर्जीवाड़े के मामले सामने आए थे। जिसमें अन्य विश्वविद्यालयों के साथ ही संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से अभिलेखों का फर्जी सत्यापन करा लेने के भी मामले आए थे। शासन स्तर से इसकी जांच विशेष अनुसंधान दल एसआईटी को सौंपी गई थी। एसआईटी के अपर पुलिस अधीक्षक ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से ब्योरा मांगा था। जिसमें संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल करने वालों का पूरा विवरण सहित उनके शैक्षिक अभिलेखों की फोटो कापी, सन आदि मांगा गया था। बताते हैं कि कई बार पत्र भेजे जाने के बाद भी सूचना नहीं भेजी गई। एसआईटी ने नाराजगी जताते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक को भी पत्र लिखा था। लेकिन फिर भी कुछ जिलों को छोड़कर हरदोई समेत कई जिलों ने सूचना नहीं भेजी तो फिर एसआईटी ने निदेशक को पत्र लिखा था और उसी पर बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर 24 नवंबर तक पूरा ब्योरा भेजने का आदेश दिया है।
निदेशक ने इस लापरवाही पर सत्यनिष्ठा को भी संदिग्ध मानते हुए फर्जी अंक पत्र प्रस्तुत कर नौकरी हासिल करने वाले अभ्यर्थियों की अपरोक्ष रूप से मदद करने की बात कहते हुए लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। संपूर्णानंद संस्कृत विवि से पढ़े शिक्षकों की हो रही जांच सूचना न देने पर बेसिक शिक्षा निदेशक ने जताई नाराजगी
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