परिषदीय विद्यालयों में छात्र संख्या कम पाए जाने पर 53 तथा गैरहाजिर रहने वाले 10 सहित कुल 63 शिक्षक का वेतन रोक दिया गया है। 32 विद्यालय में अनियमितता पाई गई है। कहीं हैंडपंप सही नहीं है, तो कहीं ड्रेस का वितरण नहीं हुआ है। इसके लिए उत्तर प्रदेश जल निगम के संबंधित अधिशासी अभियंता और सर्व शिक्षा अभियान के सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी को पत्र लिखा गया है। जिलाधिकारी संध्या तिवारी के निर्देश पर 24 से 27 अक्टूबर के बीच जिले के 81 अधिकारियों ने 162 विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया था।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश यादव के अनुसार मध्याह्न् भोजन योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित अन्य योजनाओं का सघन निरीक्षण किया गया। विद्यालय में नामांकन के सापेक्ष 50 फीसद से कम छात्रों की संख्या पाए जाने पर 53 अध्यापकों का वेतन रोका गया है। इनका वेतन तभी बहाल किया जाएगा जब छात्रों की संख्या 100 फीसद हो जाएगी। पूर्व माध्यमिक विद्यालय किसान इंटर कालेज भूपगढ़ में तो 322 नामांकन के सापेक्ष महज 10 तथा प्राथमिक विद्यालय डुमरी नंबर एक में 168 में से 20 छात्र ही पढ़ने आए थे।
यही नहीं निरीक्षण के दौरान 10 अध्यापक गैरहाजिर थे, उनका भी वेतन रोका गया है। अन्य 32 विद्यालयों में अनियमितता पाई गई। 10 विद्यालय में तो ड्रेस ही नहीं बंटा था। प्राथमिक विद्यालय जंगल अयोध्या प्रसाद में 5 साल से हैंडपंप खराब है।
प्राथमिक विद्यालय पिपराइच का हैंडपंप तो गंदा पानी देता है। मध्याह्न् भोजन योजना के जिला समन्वयक दीपक पटेल के अनुसार परिषदीय विद्यालयों में नामांकन के सापेक्ष छात्रों की कम होती संख्या को शासन ने गंभीरता से लिया है। अब प्रत्येक माह जिला प्रशासन स्तर पर विद्यालयों का औचक निरीक्षण होगा। अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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