कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को परिषदीय विद्यालयों में चल रही योजनाओं के बाबत बैठक हुई। इसमें जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार के क्रियान्वयन के लिए विद्यालय प्रबंध समिति और स्थानीय प्राधिकारी द्वारा सोशल आडिट कराने का निर्देश दिया। कहा कि विकास खंड, न्याय पंचायत एवं विद्यालय स्तर पर समिति का गठन कर निर्धारित प्रारूप पर सोशल आडिट करें। कहा कि सोशल आडिट में विद्यालयों की आधारभूत सुविधाओं, नामांकन, उपस्थिति, एमडीएम की गुणवत्ता, शिक्षकों का विवरण, विद्यालय प्रबंध समिति आदि का विवरण स्थानीय प्राधिकारी, बीडीसी सदस्य एवं स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा प्राप्त किया जाएगा। ताकि इस बात की जानकारी हो सके कि विद्यालयों को जारी सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं। सोशल आडिट का मुख्य उद्देश्य विद्यालय विकास के लिए समुदाय के साथ मिलकर बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य किया जाना है। वहीं विद्यालय के विकास की योजना भी है। ताकि इसका ईमानदारी से क्रियान्वयन किया जा सके। आमतौर पर देखा जा रहा है कि परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति शासन की मंशा के अनुरूप नहीं है। कहीं शिक्षक गायब हैं तो कुछ विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति नगण्य है। वहीं एमडीएम में भी मानक की अनदेखी की जा रही है। ऐसे में सोशल आडिट ईमानदारी पूर्वक की जाएगी तो विद्यालयों की स्थिति को सुधारा जा सकता है। बैठक में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदना राम इकबाल यादव, डीपीआरओ रामजियावन, जिला समन्वयक मनोज कुमार सिंह, एमडीएम समन्वयक नीरज सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
No comments:
Write comments