केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अब चुनावी तैनाती के लिए अर्धसैनिक बलों के बारे में सरकार से विचार कर आयोग किसी भी समय तारीखों का एलान कर सकता है। ऐसे में चुनाव फरवरी में होंगे और मार्च तक नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। आयोग के एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने खुद सभी चुनावी राज्यों में तैयारियों का जायजा लिया है। उन्होंने तैयारियों पर संतोष जताया है। उक्त सूत्र का कहना है कि तारीखों की घोषणा से पहले आयोग को मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए गृह मंत्रलय से अर्धसैनिक बलों की उपलब्धता के बारे में परामर्श किया जाएगा। सूत्र के अनुसार, अगर सरकार आयोग की बताई तारीख पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल मुहैया करवाने को तैयार हो जाए तो मुमकिन है कि अगले कुछ दिनों के अंदर चुनाव का एलान हो जाएगा। आयोग ने विधान सभा चुनाव फरवरी में करवाने की तैयारी की है। हालांकि देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश इसमें शामिल होने की वजह से मतदान कई चरणों में आयोजित किए जाएंगे और नतीजे मार्च तक आने की उम्मीद है। 27 मई, 2017 तक है उप्र विधान सभा कार्यकाल आयोग की ओर से मतदान की तारीखों के एलान के साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है। इसके बाद सरकार की ओर से कोई बड़ा नीतिगत फैसला लेने पर रोक लग जाती है। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के अलावा देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश भी शामिल है। अन्य चार राज्यों की विधानसभा की अवधि तो मार्च में ही समाप्त हो रही है, जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा 27 मई तक काम कर सकती है। लेकिन आयोग ने तय किया है कि सभी राज्यों के चुनाव एक साथ ही करवाए जाएंगे।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर है एक याचिका : हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें अनुरोध किया गया है कि मार्च में चुनाव करवा कर उत्तर प्रदेश विधानसभा की अवधि को कम नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने आयोग से इस संबंध में सूचना मांगी है। साथ ही इस पर सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख भी तय की है। लेकिन चुनाव आयोग को जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत विधानसभा के कार्यकाल की अंतिम तिथि से छह महीने पहले तक चुनाव करवाने का अधिकार है। आयोग ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से अनुरोध किया था कि वह बोर्ड परीक्षा की तारीख टाल दे और अगली तारीख बिना उससे पूछे तय नहीं करे
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