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Tuesday, December 20, 2016

मुरादाबाद : स्कूल में हेडमास्टर ने की खुदकशी, बीएसए दफ्तर तक हेडमास्टर की आत्महत्या की चर्चा, नकदी संकट के कारण आर्थिक रूप से थे परेशान


ठाकुरद्वारा स्थित निर्मलपुर जूनियर हाईस्कूल में हेडमास्टर किशोरी सिंह के फांसी लगाने की चर्चा बीएसए कार्यालय में भी रही। हेडमास्टर की लाश कमरे में कुंडे पर लटकी मिलने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं? यह जानने को लेकर हर कर्मचारी उत्सुक रहा। सुबह बीएसए कांता प्रसाद सूचना मिलने के बाद ठाकुरद्वारा पहुंचे और शिक्षकों, ग्रामीणों व परिजनों से पूछताछ की, लेकिन आत्महत्या के कारणों की कोई जानकारी निकलकर नहीं आई। बीएसए टीईटी में सचल दल प्रभारी बनाए गए थे। घटना की सूचना पर उन्होंने एडी बेसिक भगवत पटेल एवं टीईटी के राज्य पर्यवेक्षक को बताया। इसके बाद बीएसए को ठाकुरद्वारा जाने के निर्देश एडी बेसिक ने दिए। बीएसए की पूछताछ में पता चला है कि स्कूल की चाभी हेडमास्टर के पास ही रहती थी। सोमवार को शिक्षक पहुंचे तो कमरे में लाश लटकी देखी।

ठाकुरद्वारा थानाक्षेत्र के निर्मलपुरा स्थित जूनियर हाईस्कूल में हेडमास्टर ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। सुबह बच्चों ने गुरुजी को फांसी के फंदे पर लटका देखकर शोर मचाया। सूचना पर पुलिस और परिजन विद्यालय परिसर में पहुंचे। कोतवाली के ग्राम निर्मलपुर में आबादी से करीब सात सौ मीटर दूर जूनियर हाईस्कूल में सोमवार सुबह बच्चे पढ़ने पहुंचे तो हेडमास्टर किशोरी सिंह फांसी के फंदे पर लटके थे। उनका शव कक्षा के बीच लेंटर में लगे हुक में रस्सी से लटका था। फर्श पर मेज रखी थी। उनका एक पैर मेज पर तो दूसरा जमीन से कुछ ऊपर था। बच्चों का शोर सुन ग्रामीण एकत्र हो गए। सूचना पर पत्नी सुमित्र देवी, बेटे कमल सिंह, बिजेंद्र सिंह और हरिओम सिंह समेत परिवार के लोग विद्यालय पहुंच गए। सुमित्र देवी ने बताया कि किशोरी सिंह रविवार दोपहर सुल्तानपुर में रहने वाली बेटी की ससुराल जाने की बात कहकर निकले थे, लेकिन वे बेटी के घर नहीं पहुंचे।

चार माह का लिया था चिकित्सकीय अवकाश : निर्मलपुर के जूनियर हाईस्कूल में हेडमास्टर किशोरी सिंह के साथ सहायक अध्यापक सुमित कुमार थे। अध्यापकों के अनुसार किशोरी सिंह हमेशा पारिवारिक कारणों के चलते तनाव में रहते थे। उन्होंने चार माह का चिकित्सकीय अवकाश भी लिया था। अवकाश के बाद एक दिसम्बर को स्कूल ज्वाइन किया था। हालांकि, स्कूल के कामकाज में सभी अध्यापक उनकी पूरी मदद करते थे।

स्कूल की चाभी रहती थी पास : हेडमास्टर किशोरी सिंह स्कूल की चाभी अपने पास रखते थे। स्कूल में चार कक्ष और पांचवां हेडमास्टर का कार्यालय है। आजकल वहां रंगाई पुताई का काम चल रहा था। जिस कक्ष में शव लटका मिला। उसमें पेंटर काम कर रहे थे। पेंटरों ने दीवारों और छत पर पुताई के लिए ही बेंच रखी थी, जिस पर चढ़कर किशोरी सिंह ने फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी।

नकदी संकट के कारण आर्थिक रूप से थे परेशान : परिजनों ने बताया कि नकदी संकट के कारण घर की आर्थिक स्थिति खराब चल रही थी। जिसके कारण कलह हो रही थी और वह घर नहीं जाते थे। एक दिसम्बर को उन्होंने स्कूल ज्वाइन तो कर लिया, लेकिन वेतन के साथ ही बैंक में जमा धन उन्हें नहीं मिला। आर्थिक परेशानी के कारण वे स्कूल में भी बहकी-बहकी बात करते थे।खुदकशी के मामले में जांच चल रही है। कुछ दिनों से किशोरी सिंह परेशान चल रहे थे।

-आले हसन खां, क्षेत्रधिकारी ठाकुरद्वारा।सूचना पर स्कूल पहुंचकर शिक्षक, परिजन व ग्रामीणों से बातचीत की। आत्महत्या की वजह का ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया। पुलिस जांच कर रही है।

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