परिषदीय शिक्षा की गुणवत्ता के उन्नयन को लेकर लगातार कार्यशालाएं आयोजित हो रही है। ‘शिक्षक डायरी’ पर मंथन चल रहा है। खुद मुख्य विकास अधिकारी शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। इसके बाद भी पठन-पाठन में कोई सुधार नहीं आ रहा। बुधवार को ही बीएसए ने सहजनवां ब्लाक के कुछ विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान शिक्षक व खंड शिक्षा अधिकारी की उदासीनता की पोल खुल गई।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक प्राथमिक विद्यालय पचौरी की सहायक अध्यापक वंदना अगस्त 2014 से ही अनुपस्थित चल रही हैं। बीएसए ओम प्रकाश यादव ने मौके पर ही उनके खिलाफ सेवा समाप्ति की नोटिस जारी कर दी। लेकिन सवाल यह है कि क्या दो वर्ष में संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने स्कूल का निरीक्षण ही नहीं किया। अगर निरीक्षण किया तो अनुपस्थित शिक्षक के खिलाफ आज तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। पूर्व माध्यमिक विद्यालय देवरिया, प्राथमिक विद्यालय देवरिया और पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामनगर सूरस में की स्थिति भी बदहाल थी।
अनियमितता और लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए बीएसए ने सहायक अध्यापक राजेश भारती, प्रभारी प्रधानाध्यापक अनीता शुक्ला और राम दुलारे को निलंबित कर दिया है। प्राथमिक विद्यालय सिंघवलिया में मध्याह्न् भोजन नहीं बना था। प्रभारी प्रधानाध्यापक सुप्रिया, सहायक अध्यापक चंपा देवी और अंजलि प्रजापति को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बीएसए ने अध्यापकों को निर्देशित किया है कि वे समय से विद्यालय पहुंचे और शिक्षा का माहौल तैयार करें। अनुपस्थिति पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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